Jharkhand New Product Policy: झारखंड में जून 2025 से नई उत्पाद नीति लागू होने की तैयारी है। इसके तहत शराब की खुदरा बिक्री (रिटेल) अब निजी कंपनियों और व्यक्तियों के हाथों में होगी।
पहले यह कारोबार झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पास था। नई नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के 45 दिन बाद लागू किया जाएगा, और उसके 15 दिन बाद शराब दुकानों का आवंटन शुरू होगा।
नई नीति 1 मई 2025 से लागू होने की योजना थी, लेकिन अब इसे जून 2025 से लागू किया जाएगा।
बताते चलें कि झारखंड सरकार ने फरवरी 2025 में फैसला लिया था कि वह शराब के खुदरा कारोबार से बाहर निकलेगी। JSBCL अब केवल थोक बिक्री (होलसेल) तक सीमित रहेगा।
कैसे होगी दुकानों की बंदोबस्ती?
दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी के जरिए होगा, जिसके लिए उत्पाद विभाग ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
सॉफ्टवेयर का परीक्षण अंतिम चरण में है, और अगले महीने से लॉटरी शुरू हो सकती है।
एक व्यक्ति या कंपनी को पूरे राज्य में अधिकतम 36 शराब दुकानें मिल सकती हैं।
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने नई नीति का प्रस्ताव वित्त और विधि विभाग से मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट को भेज दिया है। अगली कैबिनेट बैठक में इसे स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
टैक्स में होगा बदलाव
शराब पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) को कम किया गया है, जिससे विदेशी शराब और देशी शराब सस्ती हो सकती है।
लेकिन उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) और ट्रांसपोर्ट शुल्क बढ़ाया गया है, जिससे पॉपुलर ब्रांड की शराब महंगी हो जाएगी।
नए नियम से क्या होगा असर
निजीकरण से शराब की बिक्री में पारदर्शिता बढ़ने और सरकार के राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।
उपभोक्ताओं के लिए कुछ शराब सस्ती होगी, लेकिन पॉपुलर ब्रांड्स के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।
नई नीति से शराब दुकानों का आवंटन तेजी से होगा, और अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लग सकती है।