New Delhi News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले की गूंज दुनिया भर में सुनाई दी है। इस हमले में करीब 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस क्रूर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट द रेजिस्टेंट फ्रंट (TRF) ने ली है। दुनियाभर के नेताओं ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के प्रति एकजुटता जाहिर की है।
ट्रंप ने कहा अमेरिका भारत के साथ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने PM मोदी से बात की और दुख व्यक्त करते हुए कहा, कश्मीर से आई खबर बेहद दुखद है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है। इस हमले में जान गंवाने वालों के लिए हम प्रार्थना करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
आतंकी हमले की खबर से आहत – पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को भेजे संदेश में कहा, यह हमला अमानवीय है और आतंक को किसी भी सूरत में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। रूस इस लड़ाई में भारत के साथ है। उन्होंने दोषियों को जल्द सजा दिलाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अपने बयान में कहा, कि भारत में हुए आतंकी हमले की खबर से आहत हूं। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने इस हमले को भयावह और अमानवीय करार दिया और भारत के लोगों के साथ संवेदना जताई।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, कि भारत के साथ हमारी साझेदारी सिर्फ रणनीतिक नहीं, मानवीय भी है।
हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं। इजरायली विदेश मंत्री गेडोन सार ने भी हमले की कठोर निंदा की है।
भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा – केपी शर्मा ओली
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि उनका देश इस दुखद घड़ी में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उन्होंने बताया कि हम जांच कर रहे हैं कि क्या पीड़ितों में नेपाली नागरिक भी शामिल हैं, और हर संभव सहायता दी जाएगी।
यह हमला मंगलवार दोपहर पहलगाम की बैसरन घाटी में हुआ, जहां पर्यटक छुट्टियां मनाने आए थे। आतंकियों ने पहले नाम पूछे और फिर चुन-चुनकर लोगों को गोली मारी। मृतकों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, गुजरात और तमिलनाडु से आए लोग शामिल हैं।
इस हमले ने न सिर्फ भारत को झकझोरा है, बल्कि दुनिया भर के नेताओं को भी झकझोर कर रख दिया है। आतंक के खिलाफ यह वैश्विक एकजुटता भारत के लिए एक मजबूत नैतिक और रणनीतिक समर्थन का संकेत है।