नई दिल्ली: बीते कई सालों से जोधपुर जेल (Jodhpur Jail) में उम्रकैद (Life Prison) की सजा काट रहे आसाराम बापू (Asaram Bapu) को एक और उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
गांधीनगर सत्र न्यायालय (Gandhinagar Sessions Court) ने स्वयंभू संत आसाराम को एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले (Harassment Cases) में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अहमदाबाद (Ahmedabad) के आश्रम में शिष्या को हवस का शिकार बनाने वाले आसाराम को अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया था।
मंगलवार को सजा पर बहस के बाद कोर्ट ने आस्था की आड़ में अस्मत लूटने वाले आसाराम बापू को उम्र कैद की सजा सुनाई।
2013 में पीड़िता ने दर्ज कराई थी शिकायत
बताते चलें आसाराम बापू के खिलाफ 2013 में पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट ने आसाराम को दुष्कर्म (Rape), अप्राकृतिक यौन संबंध (Unnatural Sex), बल प्रयोग समेत कई अपराधों का दोषी पाया।
आसाराम की पत्नी और बेटी समेत 6 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
वहीं पीड़िता की छोटी बहन को आसाराम के बेटे नारायण साईं (Narayan Sai) ने हवस का शिकार बनाया था और उसे भी उम्रकैद की सजा मिल चुकी है।
1997 से 2006 के बीच कई बार हुआ था दुष्कर्म
सूरत की रहने वाली इस पीड़िता ने कहा था कि 1997 से 2006 के बीच कथावाचक आसाराम ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
Jodhpur की एक अन्य पीड़िता के सामने आने के बाद उसने पुलिस को साथ हुए जुल्म के बारे में शिकायत दी।
अभियोजन पक्ष (Prosecutors) ने मंगलवार को दावा किया कि आसाराम बापू ‘आदतन अपराधी’ है और उसने स्वयंभू बाबा पर भारी जुर्माना लगाने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाने का अनुरोध किया।