झारखंड

क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार ऑस्ट्रेलियाई COVID-19 वैक्सीन

कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड (यूक्यू) की ओर से विकसित कोविड-19 वैक्सीन को पहले चरण के बेहतर परिणामों का वादा करते हुए शुक्रवार को निर्धारित समय से पहले आगे के चरणों में नैदानिक परीक्षणों (क्लीनिकल ट्रायल) के लिए तैयार घोषित किया गया है।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष के अंत से पहले चरण-3 के नैदानिक परीक्षणों में प्रगति के लिए टीके के लिए विनियामक अनुमोदन की उम्मीद है। वहीं 2021 के अंत में इसके व्यापक वितरण की संभावना है।

यूक्यू वैक्सीन परियोजना के सह-नेता और अग्रणी ऑस्ट्रेलियाई वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर पॉल यंग ने कहा कि चरण-1 नैदानिक परीक्षणों में वैक्सीन को एक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है।

यंग ने कहा, चरण-1 के नैदानिक परीक्षण से निकला प्रारंभिक डेटा कहता है कि वैक्सीन सुरक्षित है।

उन्होंने कहा कि जब वैक्सीन दी जाती है तो इसे प्रभावशाली पाया गया है और इसके शरीर पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव भी बहुत ही कम पाए गए हैं।

यंग ने कहा, यह एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करती है। यह विशेष रूप से एक तटस्थ प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया है, जो कि उन रोगियों में देखी जाती है, जो लाइव वायरस इंफेक्शन से उबर चुके हैं।

इसके अतिरिक्त यंग ने कहा कि वैक्सीन की कम खुराक भी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में समान रूप से प्रभावी साबित हुई है, जिसका अर्थ है कि खुराक संख्या के संदर्भ में वैक्सीन का निर्माण अधिक कुशल होगा।

विश्वविद्यालय ने स्थानीय बायोटेक फर्म सीएसएल के साथ साझेदारी की है, ताकि वैक्सीन की लाखों खुराक का तेजी से उत्पादन किया जा सके।

संघीय स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने कहा, हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी ऑस्ट्रेलियाई, जो टीकाकरण चाहते हैं, उन्हें 2021 के अंत तक टीका लगाया जाए।

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