रांची : झारखंड के पारा शिक्षकों में से एक समूह के लिए अच्छी, तो दूसरे समूह के लिए बुरी खबर सामने आ रही है।
मीडिया रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान निर्धारण के लिए प्रस्तावित नियमावली तैयार कर ली गयी है, जो शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के पास है।
लेकिन, इस प्रस्तावित नियमावली में एक प्रावधान ऐसा है, जिसे राज्य के 62 हजार पारा शिक्षकों में से एक समूह को निराश करनेवाला बताया जा रहा है।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि प्रस्तावित नियमावली में कहा गया है कि वेतनमान का लाभ सिर्फ उन पारा शिक्षकों को ही मिलेगा, जो शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास किये हुए हैं। हालांकि, अभी ऐसे किसी प्रावधान की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है।
जो आंकड़े बताये जा रहे हैं, उसके मुताबिक राज्य में 62 हजार पारा शिक्षकों में से सिर्फ 13 हजार पारा शिक्षकों ने ही TET पास किया हुआ है।
यानी, प्रस्तावित नियमावली के तहत सिर्फ इन 13 हजार पारा शिक्षकों (TET पास) को तो वेतनमान का लाभ मिल जायेगा, लेकिन बाकी 49 हजार पारा शिक्षकों (जो TET पास नहीं किये हुए हैं) को वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा।
हालांकि, ऐसे पारा शिक्षकों की सेवा को समाप्त नहीं करने का भी प्रावधान शामिल किया गया है, ऐसा बताया जा रहा है।
यानी, वैसे पारा शिक्षकों की भी सेवा बरकरार रहेगी, जिन्होंने TET पास नहीं किया है और उन्हें जो मानदेय मिल रहा है, उसमें वृद्धि का लाभ भी उनको मिलता रहेगा। बस, उन्हें वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्तावित नियमावली में इस प्रावधान को शामिल किये जाने के पीछे एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) का हवाला दिया जा रहा है।
इसमें एनसीटीई के हवाले से कहा गया है कि ‘वेतनमान’ दिये जाने का सीधा अर्थ होता है उस व्यक्ति को सरकारी कर्मचारी मान लेना। यदि वह सरकारी कर्मचारी ‘शिक्षक’ है, तो उसका TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास किया हुआ होना अनिवार्य है।
वर्ष 2012 की शिक्षा नीति का हवाला देते हुए यह भी कहा गया है कि नियम के मुताबिक वैसे ही लोग सरकारी शिक्षक बनने और वेतनमान पाने के काबिल होंगे, जिन्होंने TET पास किया है।
इसी नियम के आधार पर झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग ने प्रस्तावित नियमावली में यह प्रावधान शामिल किया है कि सिर्फ TET पास किये हुए पारा शिक्षकों को ही वेतनमान का लाभ दिया जा सकता है। हालांकि, प्रस्तावित नियमावली में ऐसे किसी प्रावधान की पुष्टि अभी सरकार की ओर से नहीं की गयी है।