बिहार

लॉकडाउन में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है मैथिली गीत

सहरसा: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैथिली गीत तेजी से वायरल हो रहा है। गीत का बोल है सुशासन बाबू यौ कनिञे कनिञे होइयो नै सहाय।

गीत को लिखा है सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखण्ड अन्तर्गत भकुआ के रहनेवाले प्रसिद्ध युवा साहित्यकार किसलय कृष्ण ने।

मैथिली मे दर्जनों हिट फिल्मी और लोक गीत लिखने वाले किसलय ने इस बार लॉकडाउन के दरम्यान सरकारी कुव्यवस्थाओं को अपने गीत में मुद्दा बनाया है।

प्रस्तुत गीत में बिहार सरकार को व्यंग भरे पँक्तियों में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और गरीबी की लचर व्यवस्था का आइना दिखाते हुए इसमें सुधार करने की गुहार भी लगायी है।

पहिने माँगै छी हम स्वास्थ्य के बेबस्था… सुशासन बाबू यौ , कचरा भरल अस्पताल दिऔ ने खोलबाय जैसे पँक्ति से कोरोनाकाल में अस्पतालों की दुर्दशा का मार्मिक चित्रण है।

मिथिला के प्रसिद्ध लोकधुन पर आधारित इस गीत को अपना कर्णप्रिय स्वर प्रदान किया है सीतामढ़ी की रहनेवाली और मुम्बई में प्रवास कर रही लोकगायिका पूजा उष्माकर ने।

युग मीडिया पर बालीवुड के लाइन प्रोड्यूसर कुणाल ठाकुर ने इसे रिलीज किया है। सोशल मिडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर इस गीत का लाखों व्यू हो चुका है और गीत अभी चर्चा के केन्द्र में रहा है।

विधान सभा चुनाव के समय मिथिला मे की छै, मजदूर छी हम आदि गीतों से इन्हें काफी प्रसिद्धि मिली थी।

फिलवक्त कुव्यवस्थाओं को उजागर करते हुए उनकी रचनाओं को सोशल मीडिया पेज पर भी देखा जा सकता है।

मैथिली भाषा में रचित इस गीत को बार बार सुना जा रहा है क्योंकि गायिका ने सुमधुर स्वर में गायन किया गया है जो काफी कर्णप्रिय लगते हैं जो वर्तमान समय में काफी मार्मिक है।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker