भारत

केंद्र की गाइडलाइन में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई का प्रावधान नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया के नियमन पर केन्द्र के दिशा-निर्देशों में अनुचित विषयवस्तु दिखाने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ उचित कार्रवाई के कोई प्रावधान नहीं हैं।

जो नए नियम सरकार लाई हैं, उनके दांत ही नहीं हैं। इन नियमों में सजा आदि का प्रावधान नही हैं, ये महज दिशा-निर्देश भर हैं।

इसके साथ ही वेब सीरीज तांडव को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर अमेजन प्राइम वीडियो की भारत प्रमुख अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी।

जस्टिस अशोक भूषण और आर एस रेड्डी की पीठ ने वेब सीरीज को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया।

कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर केन्द्र के नियमन महज दिशा-निर्देश हैं, इनमें डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं।

केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार उचित कदमों पर विचार करेगी, डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए किसी भी तरह के नियमों को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि वह सेंसरशिप लगाए। उसने एक संतुलन बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि वह बेहतर नियमों का ड्राफ्ट पेश करेंगे।

शीर्ष कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि कुछ ओवर दी टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर कई बार किसी न किसी तरह की अश्लील सामग्री दिखाई जाती है और इस तरह के कार्यक्रमों पर नजर रखने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है।

मेहता ने कहा कि वह सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को रिकॉर्ड पर रखेंगे।

गौरतलब है कि 19 जनवरी 2021 को ग्रेटर नोएडा के रबुपुरा थाने में रउनिजा गांव के बलबीर आजाद ने शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत में आजाद ने आरोप लगाया था कि शो उत्तर प्रदेश पुलिस और उसकी पुलिस का खराब चित्रण करता है।

इसके अलावा इस संबंध में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक ,महाराष्ट्र,बिहार और दिल्ली में कई प्राथमिकियां दर्ज कराई गई हैं।

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