रांची: बाल मजदूरी (Child Labour) की रोकथाम और उन्मूलन के लिए एक से 30 जून तक चाइल्ड लेबर रेस्क्यू ड्राइव (Child Labor Rescue Drive) चलेगा। यह अभियान रेलवे एरिया में चलेगा।
इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने बताया कि बाल श्रम के मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के स्टेटमेंट के आधार पर ही पुलिस FIR दर्ज करेगी।
आम लोग भी चाइल्ड लेबर का रेस्क्यू कर सकते
अलग से पुलिस को किसी भी तरह का बयान लेने की जरूरत नहीं होगी। इस संबंध में NCPCR DGP को पत्र लिखेगा। पुलिस के साथ ही आम लोग भी चाइल्ड लेबर का रेस्क्यू कर सकते हैं।
इसमें किसी भी प्रकार की परमिशन की जरूरत नहीं होगी। यदि कोई भी व्यक्ति किसी बच्चे को रेस्क्यू करता है तो फिर उसके बाद उसे सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत करना होगा।
झारखंड में भी बाल मजदूरी एक गंभीर समस्या बनी हुई
उल्लेखनीय है कि झारखंड में भी बाल मजदूरी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। राज्य में बीते 10 वर्षों में बाल मजदूरी की संख्या में कमी तो आई है लेकिन अब भी उनकी संख्या 90 हजार से ज्यादा है।
हालांकि, 2001 की जनगणना के मुताबिक झारखंड में 4.7 लाख बाल मजदूर थे। राज्य से बड़े पैमाने पर मानव तस्कर भी बाल मजदूरी का बड़ा कारण बने हुए हैं।
मानव तस्कर गरीब बच्चों को बहला-फुसला कर तथा नौकरी का झांसा देकर दूसरे राज्यों में बेच देते हैं।