नई दिल्ली: PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 28 मई 2023 को देश को नई संसद (New Parliament) समर्पित करेंगे। इसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
इसी बीच कांग्रेस (Congress) सहित 19 विपक्षी पार्टियों ने PM मोदी के हाथों उद्घाटन को लेकर बॉयकाट का ऐलान किया है।
उनकी मांग की है कि संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति को करना चाहिए।
कांग्रेस में दो फाड़ नजर आ रही
नई संसद भवन (New Parliament House) के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस में दो फाड़ नजर आ रही है।
एक तरफ कांग्रेस (Congress) उन 19 पार्टियों में शामिल है जो PM मोदी के हाथों से नई संसद के उद्घाटन का विरोध कर रही है तो दूसरी तरफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने कहा कि संसद भवन के उद्घाटन का विरोध ठीक नहीं है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्ष को दी नसीहत
यह पूरा मसला राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एक Tweet के बाद खड़ा हुआ था। हालांकि उनकी ही पार्टी के एक नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने अलग राय जताई है।
उन्होंने PM नरेंद्र मोदी की ओर से संसद के उद्घाटन को सही करार दिया है। यही नहीं उन्होंने विपक्ष को नसीहत भी दी है कि आप Narendra Modi का विरोध करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इस तरह देश का ही विरोध नहीं करना चाहिए।
प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘यह संसद BJP की नहीं है। देश की संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो फिर कौन करेगा। यदि भारत (India) की संसद का उद्घाटन यहां का PM नहीं करेगा तो फिर क्या पाकिस्तान का पीएम करेगा।’
‘हमें मोदी का विरोध करना चाहिए’
उन्होंने कहा कि संसद और राष्ट्रपति भवन (President’s House) जैसी इमारतें किसी एक दल की नहीं होतीं। हम यदि विपक्ष में हैं तो फिर सरकार की आलोचना करनी चाहिए, लेकिन ऐसे आयोजनों के विरोध का क्या मतलब है।
कभी प्रियंका गांधी के करीबी कहे जाने वाले प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हमें मोदी का विरोध करना चाहिए, लेकिन देश का नहीं करना चाहिए। देश की संसद पूरे देश की है। यह BJP की नहीं है।
मेरी तो अपील है कि विपक्ष ऐसे बायकॉट जैसे अभियान ना चलाए । आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि विपक्ष को असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के रास्ते पर जाने से बचना चाहिए। हमें देश की परंपराओं को समझते हुए मोदी का विरोध करने का हक है, लेकिन देश का ही विरोध करना तो ठीक नहीं है।
पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे हैं प्रमोद कृष्णम
प्रमोद कृष्णम (Pramod Krishnam) ने कहा कि विपक्ष से मेरी अपील है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। गौरतलब है कि प्रमोद कृष्णम बीते कुछ समय से कांग्रेस से अलग राय रखते दिखे हैं।
वह सचिन पायलट के भी करीबी माने जाते हैं, जो इन दिनों राजस्थान में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ सत्ता संघर्ष में व्यस्त हैं।
हालांकि पायलट को हाईकमान से ज्यादा तवज्जो नहीं मिल रही है। माना जा रहा है कि इसी के चलते प्रमोद कृष्णम भी पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे हैं।