झारखंड

मिल-जुलकर सहयोग ही अपरिहार्य विकल्प : यांग श्वेएज्वुन

बीजिंग: 1 दिसंबर की रात को पेइचिंग श्यांगशान मंच की वीडियो संगोष्ठी आयोजित हुई। चीनी सैन्य विज्ञान सोसायटी के अध्यक्ष और सैन्य विज्ञान अकादमी के महानिदेशक यांग श्वेएज्वुन ने भाषण देते हुए कहा कि केवल मानव साझा नियति समुदाय के विचार पर कायम रहने से मौजूद समान चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है, और ज्यादा समृद्ध व सुन्दर दुनिया का निर्माण हो सकता है।

यांग श्वेएज्वुन ने कहा कि इस बार की कोविड-19 महामारी से हमें एक सच्चाई समझ आयी है कि मनुष्य एक ही धरती पर रहता आया है। विभिन्न देश एक साझा नियति समुदाय हैं। बड़े संकट के सामने कोई नहीं बच सकता। मिल-जुलकर सहयोग करना चुनौती के सामने अपरिहार्य विकल्प है।

गौरतलब है कि इस बार पेइचिंग श्यांगशान मंच का मुद्दा है अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करें: हाथ में हाथ डालकर वैश्विक सुरक्षा नयी चुनौतियों का मुकाबला करें। 12 देशों से आए 32 विश्व प्रसिद्ध विद्वानों ने इस में भाग लिया।

उन्होंने एक साथ वैश्विक स्थिति का विश्लेषण किया, सुरक्षा खतरे का मुकाबला करने के लिये उपायों की चर्चा की, और सहयोग का रास्ता ढूंढ़ने की कोशिश की।

अब तक पेइचिंग श्यांगशान मंच नौ बार सफलतापूर्वक आयोजित हो चुका है। वह विभिन्न पक्षों के बीच विचारों का आदान-प्रदान करने, आपसी विश्वास को मजबूत करने, सहमति प्राप्त करने और सहयोग मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है।

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