COVID-19: भारत में COVID-19 के नए सबवेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला और मई 2025 में गुजरात में LF.7 के चार मामले दर्ज किए गए।
देश में 19 मई 2025 तक 257 सक्रिय कोविड मामले हैं, जिसमें केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, और कर्नाटक में स्थानीय स्तर पर मामलों में वृद्धि देखी गई है।
NB.1.8.1 और LF.7 की स्थिति
INSACOG के अनुसार, NB.1.8.1 और LF.7, JN.1 वेरिएंट के उप-प्रकार हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन्हें ‘Variants Under Monitoring’ (VUM) श्रेणी में रखा है, जो ‘Variants of Concern’ या ‘Variants of Interest’ से कम गंभीर है।
इन वेरिएंट्स की स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन हैं, जो संभावित रूप से अधिक संक्रामकता और प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता दर्शाते हैं। हालांकि, WHO का प्रारंभिक जोखिम मूल्यांकन कहता है कि NB.1.8.1 से वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य को कम जोखिम है, और वर्तमान टीके गंभीर बीमारी से बचाव में प्रभावी हैं।
भारत में COVID की स्थिति
तमिलनाडु : अप्रैल 2025 में NB.1.8.1 का एक मामला, पुदुचेरी में 12 नए मामले।
गुजरात : मई 2025 में LF.7 के चार मामले, अहमदाबाद में एक दिन में सात नए मामले, कुल 15 सक्रिय मामले।
दिल्ली : 23 नए मामले, सभी मरीजों में हल्के लक्षण, होम आइसोलेशन में।
महाराष्ट्र : जनवरी से मई तक 257 मामले, मई में 207, मुंबई में 213 मामले। चार मौतें, सभी सह-रुग्णता (comorbidities) वाले मरीजों की। वर्तमान में 166 सक्रिय मामले। ठाणे में एक गंभीर डायबिटीज मरीज की मृत्यु।
केरल : मई में 273 मामले, सबसे अधिक सक्रिय मामले।
कर्नाटक : 16 सक्रिय मामले, बेंगलुरु में नौ माह का शिशु पॉजिटिव। बेंगलुरु में एक 84 वर्षीय मरीज की सह-रुग्णता के साथ मृत्यु।
तेलंगाना : एक नया मामला, एक पल्मोनोलॉजिस्ट पॉजिटिव, अब ठीक। स्वास्थ्य मंत्री ने समीक्षा बैठक बुलाई।
आंध्र प्रदेश : पिछले 24 घंटों में चार मामले।
उत्तराखंड : ऋषिकेश में गुजरात से आया 57 वर्षीय पर्यटक और एक महिला डॉक्टर पॉजिटिव।
उत्तर प्रदेश : नोएडा में 55 वर्षीय महिला पॉजिटिव, होम आइसोलेशन में।
मध्य प्रदेश : इंदौर में दो पुरुष पॉजिटिव।
भारत में JN.1 अभी भी प्रमुख वेरिएंट है, जो 53% टेस्ट सैंपलों में पाया गया, इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबवेरिएंट्स (20%) हैं। अधिकांश मामले हल्के हैं, और मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं। जनवरी 2025 से कोई ICU भर्ती या गंभीर मामला सामने नहीं आया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) और ICMR के सेंटिनल सर्विलांस नेटवर्क को सक्रिय रखा है।
24 मई को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता में ICMR, NCDC, और अन्य विशेषज्ञों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें स्थिति की समीक्षा की गई। मंत्रालय ने अस्पतालों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, और प्रशिक्षित स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।