क्राइमझारखंड

धनबाद जज मौत मामले में दो गिरफ्तार, लखन वर्मा उर्फ पिंटू और राहुल वर्मा से पुलिस कर रही पूछताछ

पुलिस मुख्यालय हर घंटे ले रहा अपडेट

गिरिडीह: धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद को टक्कर मारकर उनकी मौत की वजह बने ऑटो को गिरिडीह से बरामद कर लिया गया है।

पुलिस ने इस मामले में गुरूवार को ऑटो चालक सहित दो को गिरफ्तार किया है। आरोपी लखन वर्मा उर्फ पिंटू और राहुल वर्मा से पूछताछ चल रही है।

पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि जज की मौत महज एक दुर्घटना है या फिर सोची-समझी साजिश के तहत उनकी हत्या की गई है। इस बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक चल रही है।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा डिगवाडीह 12 नंबर के रहने वाले हैं। जज की मौत के मामले को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। इस मामले में पुलिस मुख्यालय हर घंटे अपडेट ले रहा है।

डीआईजी खुद लगतार संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि ऑटो चालक लखन और राहुल नशे में धुत थे।

दोनों ने पुलिस को बताया कि संतुलन बिगड़ने के कारण यह दुर्घटना हुई। दुर्घटना के बाद दोनों ऑटो छोड़ कर भाग गए थे। गिरिडीह में दोनों अपने बहनोई के घर छिपे हुए थे। दोनों आरोपी पहले भी चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं।

गौरतलब है कि बुधवार की सुबह जज उत्तम आनंद (उम्र 52) को ऑटो ने उस वक्त टक्कर मार दी थी जब वह मार्निंग वॉक से लौट रहे थे। न्यायाधीश गोल्फ ग्राउंड से टहल कर वापस हीरापुर बिजली ऑफिस के बगल में स्थित अपने क्वार्टर लौट रहे थे।

रणधीर वर्मा चौक से चंद कदम की दूरी पर गंगा मेडिकल के सामने हादसा हुआ। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है।

फुटेज देखने के बाद पुलिस ऑटो चालक की मंशा पर सवाल उठा रही है। शक पैदा होने पर जज के पोस्टमार्टम के लिए डीसी के आदेश पर आनन-फानन में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था।

डॉक्टरों की टीम ने देश शाम न्यायाधीश के शव का पोस्टमार्टम किया। बताया जा रहा है कि सिर में गंभीर चोट के कारण उनके कान से रक्तश्राव हो गया। ब्रेन हेम्ब्रेज से मौत की बात कही जा रही है।

बताया जाता है कि उत्तम आनंद झरिया के रंजय सिंह की हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार का स्थानांतरण हो जाने के बाद उत्तम आनंद ने पिछले साल धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम के रूप में योगदान दिया था।

हालांकि लॉकडाउन के कारण उत्तम आनंद की अदालत में इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई थी। अदालत में यह मामला अभियोजन पक्ष के गवाह के लिए चल रहा है।

इस मामले में कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह के देवर हर्ष सिंह एवं मामा उर्फ नंद कुमार के खिलाफ अभियोजन पक्ष अभी तक कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया है।

एडीजे कोर्ट के एपीपी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दो दिन पूर्व ही अदालत ने नीरज सिंह हत्याकांड के कथित शूटर अमन सिंह एवं उसके गुर्गे अभिनव प्रताप सिंह और रवि ठाकुर की जमानत अर्जी खारिज की थी।

इसके अलावा बीसीसीएल के जीएम तथा प्रोजेक्ट ऑफिसर का मामला इसी अदालत में सुनवाई के लिए लंबित है। आरोपियों के खिलाफ कोयला चोरी से संबंधित मामला है, जिसमें जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी।

सरायढेला जमीन घोटाले से संबंधित मृत व्यक्ति को जिंदा बताकर उससे जमीन की रजिस्ट्री करवाने मामला भी इसी कोर्ट में था। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष वैभव सिन्हा के मामले का ट्रायल भी इसी कोर्ट में लंबित है।

दो मामलों में तीनों लोगों को दी थी उम्रकैद की सजा

जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद ने धनबाद में योगदान देने के बाद दो मामलों में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तीन अप्रैल 2021 को पत्नी की किरासन तेल छिड़क कर हत्या करने के आरोपी गुड्डू पासवान को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

आरोपी केंदुआडीह थाना क्षेत्र का रहने वाला था। दूसरा मामले में 25 जून को तीन सहोदर भाई शंकर प्रसाद, शंभू प्रसाद एवं कैलाश को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।

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