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TMC नेता शेख शाहजहां के पर्सनल खातों को भी ED ने शुरू किया बंद करना, अब…

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां (Sheikh Shahjahan) के व्यक्तिगत बैंक खातों के साथ-साथ उसके स्वामित्व वाले व्यवसायों से जुड़े खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

ED Closed Personal Accounts of TMC Sheikh Shahjahan: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां (Sheikh Shahjahan) के व्यक्तिगत बैंक खातों के साथ-साथ उसके स्वामित्व वाले व्यवसायों से जुड़े खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

ED के एक सूत्र ने बताया कि प्रक्रिया दो बैंक खातों से शुरू हुई है, एक व्यक्तिगत रूप से शाहजहां के नाम पर है और दूसरा मछली निर्यात इकाई ”मेसर्स शेख सबीना फिश सप्लाई ऑनली” का खाता है, जो शाहजहां की बेटी शेख सबीना के नाम पर पंजीकृत है। ED के अधिकारियों ने संबंधित बैंकों के अधिकारियों को इन दोनों खातों में पैसों के लेनदेन पर तुरंत रोक लगाने के लिए लिखा है।

साथ ही शाहजहां, उसके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों से जुड़े कुछ अन्य बैंक खातों में लेनदेन के विवरण के बारे में कुछ बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की गई है।

सूत्रों ने कहा कि कुल 15 ऐसे बैंक खाते और इन खातों के माध्यम से 137 करोड़ रुपये के लेनदेन वर्तमान में ED अधिकारियों की जांच के दायरे में हैं। ED के अधिकारियों ने पहले ही इस बारे में निश्चित सुराग हासिल कर लिया है कि कैसे शाहजहां ने अपने मछली निर्यात व्यवसाय का इस्तेमाल भारी मुनाफा कमाने के साथ-साथ राशन वितरण घोटाला तथा अन्य घोटालों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की आय को ठिकाने लगाने के लिए किया था।

केंद्रीय एजेंसी ने पांच जनवरी को संदेशखाली में ED और CAPF कर्मियों पर हमले के पीछे के आरोपित मास्टरमाइंड शाहजहां के खिलाफ पहले ही दो अलग-अलग प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है।

पहली ECIR राशन वितरण में उसकी संलिप्तता और दूसरी उसके मछली निर्यात व्यवसाय का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए करने से संबंधित है।

शाहजहां पर संदेशखाली में स्थानीय किसानों से जबरन कृषि भूमि हड़पने और फिर उसमें खारा पानी बहाकर अवैध रूप से मछली पालन के खेतों में परिवर्तित करने का भी आरोप है।

उस पर अन्य मछली पालन फर्म मालिकों पर दबाव डालने का भी आरोप है कि वे अपने खेतों में उत्पादित झींगा को मामूली लाभ पर उसकी निर्यात कंपनी को बेचें, जिसे वह काफी ऊंचे मुनाफे के साथ विदेशों में निर्यात करता था।

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