ED raids Pawan Bansal’s nephew home and office : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 को पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे और प्रमुख व्यवसायी विजय सिंगला के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई JTL इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के खिलाफ मिली मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत के आधार पर की गई।
ED ने चंडीगढ़ के सेक्टर 28 में सिंगला के मकान नंबर 105 और 106 के साथ-साथ उनके दफ्तर (SCO नंबर 18/19) पर सुबह से तलाशी अभियान चलाया।
सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी में ED को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जो जांच को आगे बढ़ा सकते हैं।
ED की टीमें सुबह से ही विजय सिंगला के आवास और दफ्तर पर पहुंचीं। तलाशी अभियान पूरे दिन चला, जिसके दौरान परिसरों को सील कर दिया गया और किसी को भी अंदर-बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई 2009-2012 के बीच JTL इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (GTL इन्फ्रास्ट्रक्चर) द्वारा IDBI बैंक की अगुवाई वाले बैंक कंसोर्टियम से लिए गए 4,760 करोड़ रुपये के कर्ज से जुड़े कथित धोखाधड़ी के मामले में की गई।
CBI ने जनवरी 2023 में इस मामले में GTL इन्फ्रा कंपनी के निदेशकों, अज्ञात बैंक अधिकारियों और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था, जिसके बाद ED ने PMLA 2002 के तहत जांच शुरू की।
ED की टीमें जब्त दस्तावेजों की जांच कर रही हैं, और सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं। यह जांच GTL इन्फ्रास्ट्रक्चर के कर्ज, संभावित हवाला लेनदेन और अन्य वित्तीय अनियमितताओं पर केंद्रित है।
अगर ED को ठोस सबूत मिलते हैं, तो विजय सिंगला और अन्य शामिल लोगों के खिलाफ PMLA के तहत कड़ी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें संपत्ति जब्ती और गिरफ्तारी शामिल हो सकती है।
विजय सिंगला पहले भी विवादों में रह चुके हैं। 2013 में CBI ने उन्हें रेलवे में उच्च पदों पर नियुक्ति के लिए 10 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय सिंगला को 89.68 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था, जिसके बाद ED ने PMLA के तहत 2019 में इस राशि को जब्त किया और 2020 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इस घोटाले के चलते पवन बंसल को रेल मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।