नई दिल्ली: New Parliament House Inauguration 28 मई को PM मोदी (PM Modi) करेंगे। इसको लेकर पक्ष विपक्ष आमने-सामने है। देश की नई संसद पर जबरदस्त दंगल छिड़ा है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिची हैं। उद्घाटन से पहले ही नई संसद पर सियासत का ‘फ्लोर टेस्ट’ (‘Floor Test’) देखने को मिल रहा है।
समारोह में कई पार्टियां नहीं होंगी शामिल
फ्लोर टेस्ट से मतलब बहुमत परीक्षण (Majority Test) यानी सरकारों का फैसला। सरकारों को अपना बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट से गुजरना होता है।
फिलहाल हम इस फ्लोर टेस्ट की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम पर छिड़े संग्राम के बीच राजनीतिक दलों (Political Parties) की ताकत की बात रहे हैं।
कांग्रेस समेत ऐसी कई पार्टियां हैं, जो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रही हैं। हालांकि कुछ दल ऐसे भी हैं, जो अमूमन BJP के साथ खड़े नजर तो नहीं आते, मगर इस समारोह में हिस्सा लेने का फैसला कर चुके हैं। इसी को नए संसद पर ‘Floor Test’ के रूप में देखा जा रहा है।
नई संसद पर राज्यों का फ्लोर टेस्ट
आंकड़ों पर गौर करें तो मौजूदा समय में देश के 16 राज्यों में BJP के नेतृत्व वाली NDA की सरकार है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA की 7 राज्यों में सरकार है। 7 राज्य ऐसे हैं, जहां अन्य राजनीतिक दलों की सरकारें हैं।
इन सभी दलों में से 21 दलों ने नई संसद के कार्यक्रम का बहिष्कार (Program Boycott) करने का एलान किया है और सत्तापक्ष के साथ 25 दल मौजूद हैं। इसे ऐसे समझिए कि नई संसद पर सत्ता पक्ष के साथ 25, तो विपक्ष में 21 दल हैं।
अब राज्यों में शासन के आधार पर संख्या बल को समझा जाए तो नई संसद पर समर्थन देने वाले दल 18 राज्यों में शासन कर रहे हैं, जबकि विरोधी दलों की 12 राज्यों में सरकार है।
मतलब 60 फीसदी राज्यों में समर्थन देने वाले दलों की सरकार है और 40 फीसदी राज्य ऐसे हैं, जहां विरोधी दल (Opposition Party) शासन कर रहे हैं।
पक्ष-विपक्ष की ताकत कितनी ?
इसी आधार पर अब संसद की स्थिति को भी देख लेते हैं कि उद्घाटन समारोह (Opening Ceremony) के लिए पक्ष विपक्ष की ताकत कितनी है।
अब तक आंकड़े बताते हैं कि समर्थन में 25 दल हैं, जिनके सदस्यों की संख्या लोकसभा (Lok Sabha) के अंदर 376 यानी 68 फीसदी है, जबकि राज्यसभा में इन दलों के 131 सांसद हैं। यानी राज्यसभा के सांसदों का 55 फीसदी समर्थन है।
अब विरोधी दलों की स्थिति को देखा जाए तो लोकसभा में विपक्ष के 168 यानी 31 फीसदी सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में 104 यानी 45 प्रतिशत सांसद हैं, जो समारोह से दूर हैं। मतलब आंकड़ों को मिलाकर देखा जाए तो नई संसद पर फ्लोर टेस्ट (Floor Test) में NDA की जीत साफ नजर आती है।