भारत

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर निशाने पर आए शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व नेता

लखनऊ: कुरान से 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरपर्सन वसीम रिजवी अपने समुदाय के निशाने पर आ गए हैं।

मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव और जाने-माने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद और ऐशबाग ईदगाह के इमाम और सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने रिजवी के इस कदम की न केवल निंदा की है, बल्कि शांति के उल्लंघन और ईशनिंदा के प्रयास के लिए उनकी गिरफ्तारी की भी मांग की है।

रिजवी ने हाल ही में कुरान की 26 आयतों को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

रिजवी की याचिका के अनुसार, ये आयतें हिंसा को उकसाती हैं और कथित तौर पर बाद में तीन खलीफाओं की अवधि में जोड़ी गईं।

हालांकि, शिया और सुन्नी दोनों मौलवियों ने कहा है कि पिछले 1,400 वर्षों में मूल कुरान में एक भी शब्द का कोई बदलाव या छेड़छाड़ नहीं की गई है।

मौलाना कल्बे जवाद ने कहा, रिजवी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। वह मुस्लिम विरोधी ताकतों का एजेंट हैं और चूंकि सीबीआई वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच कर रही है, इसलिए वह समर्थन प्राप्त करने के लिए हथकंडे आजमा रहे हैं।

इस बीच, टीले वाली मस्जिद के इमाम, मौलाना फजले मन्नान और कल्बे सिबतेन नूरी ने वसीम रिजवी के खिलाफ फतवा जारी किया।

रिजवी की याचिका की निंदा करते हुए, दोनों गुटों के सदस्यों ने रिजवी को इस्लाम और समाज से निकाल दिया।

एक प्रसिद्ध सुन्नी धर्मगुरु मौलाना फजले मन्नान रहमानी नदवी ने कहा, रिजवी एक इजरायली एजेंट हैं जो केवल समाज की शांति और एकता में दरार पैदा करने का काम करते हैं।

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सिबतेन नूरी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब रिजवी ने धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। वह समाज का हिस्सा नहीं हैं क्योंकि वह केवल इसका ढांचा बिगाड़ते हैं।

मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि अदालत को रिजवी की उस याचिका को खारिज कर देना चाहिए जिसने दुनिया भर के मुसलमानों को आहत किया है।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker