Hindu Panchaang : हिंदू पंचांग (Hindu Panchaang) के हिसाब से अभी संवत्सर 2079 चल रहा है और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (Chaitra Shukla Pratipada) के साथ ही विक्रम संवत 2080 (Vikram Samvat 2080) शुरु हो जाएगा।
22 मार्च 2023 दिन बुधवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ ही चैत्र नवरात्र (Navratri) भी प्रारंभ हो जाएगा। नल नाम के इस संवत्सर के राजा बुध और मंत्री शुक्र होंगे।
दोनों ही ग्रह आपस में मैत्री भाव रखते हैं और वैसे भी जब किसी राज्य में राजा और उसके मंत्री एकमत होकर कार्य करते हैं, वह देश तेजी से आगे बढ़ता है। यही स्थिति इस वर्ष के साथ भी रहेगी।
पर्व को सनातन संस्कृति के प्रतीक के रूप में ही मनाया जाना चाहिए
ब्रह्म पुराण (Brahma Purana) के अनुसार, इसी तिथि को ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और उसके संचालन का दायित्व देवताओं (Gods) ने संभाला था।
सतयुग का आरंभ भी इसी तिथि को बताया जाता है तथा भगवान श्री विष्णु (Lord Shri Vishnu) ने मतस्यावतार भी इसी दिन लिया था।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च 2023 दिन बुधवार से शुरु होने वाले नए वर्ष के स्वागत की भी अभी से तैयारियां शुरु कर देना चाहिए। लेकिन इस पर्व को सनातन संस्कृति के प्रतीक के रूप में ही मनाया जाना चाहिए।
हिंदू नव वर्ष 2080 के स्वागत की तैयारी हम सब मिलकर शुरू करें
जिस तरह अपने घरों पर किसी धार्मिक अनुष्ठान (Religious Ceremony) की पूर्णता हम हवन आदि से करते हैं. ठीक उसी तरह इस दिन भी हमें अपने घरों में सुबह सफाई आदि करने के बाद घर के द्वार पर आम के पत्तों की वंदनवार और ध्वज पताका (Flag Pennant) फहराना चाहिए।
घर में सभी लोगों को मिलकर हवन करने के साथ ही ईश्वर का भजन कीर्तन करते हुए नए वर्ष का स्वागत करें। सभी के जीवन में सफलता, सुख, सौभाग्य, समृद्धि और खुशियां (Prosperity and Happiness) लाने वाले हिंदू नव वर्ष 2080 के स्वागत की तैयारी हम सब मिलकर शुरू करें।
इतना ही नहीं एक दूसरे से मिलने पर प्रणाम के साथ ही नए वर्ष की शुभकामनाएं भी प्रेषित करनी चाहिए।