Ranch : हजारीबाग वन प्रमंडल में अवैध खनन, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का मामला अब काफी गंभीर मोड़ ले चुका है। शिकायत मिलने के बाद केंद्र सरकार ने झारखंड के मुख्य वन सचिव को निर्देश दिया है कि पूरे मामले की जांच कर तुरंत कार्रवाई की जाए। यह शिकायत इसलिए अहम बन गई क्योंकि CID की रिपोर्ट में अवैध खनन की पुष्टि के बाद भी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था।
विभागीय अधिकारी पर संरक्षण देने का आरोप
शिकायत में कहा गया कि हजारीबाग परिक्षेत्र के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (RCCF) रवींद्र नाथ मिश्रा को विभागीय स्तर पर न सिर्फ बचाया जा रहा है, बल्कि उन्हें बढ़ावा भी दिया जा रहा है। जबकि उनके खिलाफ कई गंभीर तथ्य सामने आए हैं। इसी आधार पर भारत सरकार के सहायक वन निरीक्षक सुनीत भारद्वाज ने राज्य सरकार को कड़ी कार्रवाई का निर्देश भेजा है।
CID रिपोर्ट: अवैध खनन और गड़बड़ी की पुष्टि
CID की जांच में साफ हो गया कि करीब 156 हेक्टेयर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन और अतिक्रमण हुआ है। आरोप है कि RCCF मिश्रा ने NTPC और उसके MDO त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग कंपनी के हित में गलत रिपोर्ट तैयार की।
दुमुहानी नाला, जिसकी चौड़ाई 20–30 मीटर बताई गई थी, अवैध खनन के चलते 4–5 मीटर रह गई। यह उसके मूल स्वरूप को पूरी तरह खराब कर देने जैसा है।
CID ने यह भी बताया कि कंपनी के AGM अरविंद देव ने शिकायतकर्ता पर तीसरे व्यक्ति के जरिए समझौते का दबाव बनाया था।
गृह विभाग कार्रवाई चाहता है, वन विभाग चुप
CID ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई के लिए गृह विभाग से अनुमति मांगी थी। गृह विभाग ने वन विभाग से राय मांगी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी वन विभाग ने कोई जवाब नहीं दिया।
पूर्व PCCF की रिपोर्ट पर उठी आपत्तियों का भी कोई समाधान नहीं किया गया।
ACF ने भी लगाए गंभीर आरोप
इसी दौरान वन विभाग के एक ACF ने भी RCCF मिश्रा पर गलत रिपोर्ट देने और एकतरफा कार्रवाई करने के आरोप लगाए, जिससे मामला और ज्यादा विवादित हो गया।




