रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने बुधवार को रांची (Ranchi) स्थित धुर्वा (Dhurva) के तिरिल मौजा में 72 एकड़ में नवनिर्मित झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के भवन का उद्घाटन किया।
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से मामलों में कोर्ट के फैसले के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिलता। आप सबको इसका रास्ता निकालना चाहिए। लोगों को सही मायने में न्याय मिलना चाहिए। ये जिम्मेदारी आप सबकी है। लोगों को न्याय मिले, यह सुनिश्चित करना चाहिए।
झारखंड से उनका पुराना नाता रहा: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड से उनका पुराना नाता रहा है। आपके स्वागत से अभिभूत हूं। नया भवन बेहतरीन बनाया गया है। पूरा कैम्पस पीसफुल एनर्जी कंजर्वेशन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यहां भारत के मुख्य न्यायाधीश और झारखंड के चीफ जस्टिस के अलावा बहुत से जज, वकील और विद्वान मौजूद हैं। बहुत से केस हाई कोर्ट में फाइनल होते हैं।
बहुत से केस का फैसला सुप्रीम कोर्ट से आता है। जिनके पक्ष में फैसला आता है, वे खुश होते हैं। पांच-दस या 20 साल के बाद उनकी खुशी गायब हो जाती है। क्योंकि, उनको वो नहीं मिलता, जिसके लिए समय, रुपये और रातों की नींद बर्बाद कर दी। वे फिर से दुखी हो जाते हैं।
कुछ केस फाइनल होने के बाद हम उनके घर जाते थे
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं फैमिली काउंसलिंग सेंटर की एक सदस्य थी। कुछ केस फाइनल होने के बाद हम उनके घर जाते थे। यह देखने के लिए कि जिस केस को हमने फाइनल किया, वह परिवार ठीक है या नहीं।
बहुत से लोग अपने फैसले लेकर मेरे पास आते कि फैसला तो हमारे पक्ष में आ गया लेकिन हमें न्याय नहीं मिला। मुझे नहीं मालूम सुप्रीम कोर्ट के आगे कुछ होता है।
ऐसे लोगों का कुछ हो सकता है। मूर्मु ने कहा कि चीफ जस्टिस डॉ. DY चंद्रचूड़ ने उन्हें बताया कि ऐसे मामले होते हैं। लोग कंटेम्प्ट में जा सकते हैं।
तकनीक हमारी दुनिया बदल रहा
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को मैं धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने हिंदी में भाषण दिया। मुझे लगता है इसका लाभ मिलेगा, उन्हें देखकर हाई कोर्ट के जज भी प्रभावित होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह शुरुआत की है कि कई भाषाओं में काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में यह जरूरी है। अंग्रेजी के अलावा यहां के लोग दूसरी भाषाओं में सहज हैं।
तकनीक हमारी दुनिया बदल रहा है। नए भवन में कई आधुनिक सुविधाएं हैं। खासकर युवा जो इस क्षेत्र में हैं उन्हें और बेहतर करना है। न्याय व्यवस्था में समस्याओं की पहचान हो रही है, उस पर चर्चा हो रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन समस्याओं से जल्द निकलकर बाहर आयेंगे।
झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखायी गयी
इससे पूर्व झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखायी गयी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, भारत के चीफ जस्टिस डॉ. DY चंद्रचूड़ समेत सभी अतिथियों को शॉल और डोगरा शिल्प कला से बनी बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्मृति चिह्न के रूप में भेंट की गई।
देश का अब तक का सबसे बड़ा हाई कोर्ट भवन
उल्लेखनीय है कि लगभग 600 करोड़ की लागत से बने झारखंड हाई कोर्ट का नया कैंपस सुप्रीम कोर्ट से करीब तीन गुना बड़ा है। कैंपस में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 पौधे लगाए गए हैं।
यह देश का अब तक का सबसे बड़ा हाई कोर्ट भवन और बड़ा कैंपस भी है। गर्मी की छुट्टियों के बाद नए हाई कोर्ट कैंपस में न्यायिक गतिविधियां शुरू होंगी।