Jharkhand encounter: झारखंड में नक्सल उन्मूलन अभियान को नई ताकत मिली है। NIA ने राज्य के विभिन्न इलाकों में सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में मारे गए छह नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामलों को बंद कर दिया।
एजेंसी ने कोर्ट से भी कार्रवाई समाप्त करने का अनुरोध किया है, और मृत्यु प्रमाणपत्र व पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंप दी है। ये नक्सली NIA के कई संवेदनशील केसों में आरोपी थे, जो लंबे समय से फरार चल रहे थे।
सब पर ‘चार्जशीट’ का बोझ हट गया
इन छह नक्सलियों में अजीत उरांव उर्फ चार्लिस, बुद्धेश्वर उरांव, छोटू खेरवार, मनीष यादव, राजेश उरांव और लजीम अंसारी के नाम प्रमुख हैं।
एनआईए के अनुसंधान में ये सभी घटनाओं में शामिल होने के साक्ष्यों के आधार पर फरार घोषित कर चार्जशीट दाखिल की गई थी।
लेकिन अब, सुरक्षाबलों के साहसिक अभियानों में उनकी मौत के बाद, एजेंसी ने इन्हें ‘क्लोज’ करने का फैसला लिया। यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानूनी प्रक्रिया को तेज करने का संकेत देता है।
फरार नक्सलियों पर साक्ष्य-आधारित कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में सुरक्षाबलों ने हालिया महीनों में कई सफलताएं हासिल की हैं।
ये नक्सली एनआईए की नजर में हाई-प्रोफाइल आरोपी थे, जिनके खिलाफ हथियारों, विस्फोटकों और साजिश के केस दर्ज थे।
मौत के बाद केस बंद करने से न्यायिक बोझ कम होगा, लेकिन यह भी साबित करता है कि सुरक्षाबलों का ‘जीरो टॉलरेंस’ रुख नक्सल नेटवर्क को तोड़ रहा है। कोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो इस ‘क्लोजर’ को अंतिम रूप देगा।


