झारखंड

गांवों की आर्थिक रूप से कमजोर बच्चियों की पढ़ाई जारी रखने में मदद करेगा शिक्षा विभाग

बच्चों के भविष्य को लेकर शिक्षा विभाग ने कराया वेबिनार

लातेहार : शिक्षा विभाग द्वारा ‘बच्चों के उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ते कदम’ विषय पर रविवार को वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार को संबोधित करते हुए रांची के शिक्षाविद डॉ प्रो सुषमा पाठक ने कहा कि अभिभावकों को बच्चों पर अपनी सोच नहीं डालनी चाहिए।

उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार भविष्य की प्लानिंग करने के लिए स्वतंत्र छोड़ना चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत

डॉ प्रो सुषमा पाठक ने कहा कि बच्चों में नैतिक शिक्षा के साथ-साथ करियर काउंसलिंग पर विद्यालय स्तर के माध्यम से भी चर्चा होनी चाहिए।

शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों से आनेवाले बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से आनेवाले बच्चे अपने भविष्य को लेकर कई सवालों से घिरे रहते हैं। उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत है।

आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण बच्चियों की मदद करेगा शिक्षा विभाग : डीईओ

वेबिनार को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) निर्मला कुमारी बरेलिया ने कहा कि शिक्षा विभाग बच्चों के हित के लिए करियर काउंसलिंग और ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से कोर्स करा रहा है।

डीईओ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से आनेवाली बच्चियों, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपनी पढ़ाई आगे जारी रखना चाह रही हैं, को शिक्षा विभाग आगे की पढ़ाई जारी रखने में मदद करेगा।

बता दें कि डीईओ की सार्थक पहल पर जिले के चंदवा प्रखंड के लाधूप गांव की दो छात्राओं का नामांकन बनवारी साहू कॉलेज में कराया गया है।

बच्चियों पर विशेष ध्यान दें अभिभावक और शिक्षक : प्रियंका अग्रवाल

वेबिनार को संबोधित करते हुए काउंसलर प्रियंका अग्रवाल ने कहा कि लातेहार जैसे जिलों में खासकर बच्चियों पर अभिभावकों को ध्यान देने की जरूरत है।

बदलते परिवेश में बच्चियां पढ़ाई को नियमित जारी रखना चाह रही हैं। ऐसे में अभिभावकों और शिक्षकों को आगे बढ़कर उनकी मदद करनी चाहिए।

विद्यालय स्तर पर माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर चर्चा की जरूरत : संजीत कुमा

वेबिनार को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम समन्वयक संजीत कुमार ने कहा कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए हमेशा सजग रहने की जरूरत है।

हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं, जो गरीब परिवार से आकर समाज एवं देश में अपनी उपलब्धि को गिना चुके हैं।

उन्होंने कहा कि विद्यालय स्तर पर नियमित रूप से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन समेत मानसिक विज्ञान पर चर्चा करने की जरूरत है।

वेबिनार को आर्यन गर्ग, विकास कुमार ने भी संबोधित किया। जबकि, वेबिनार में जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, कस्तूरबा गांधी विद्यालय के वार्डन के साथ-साथ बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिका और छात्र-छात्राओं ने शिरकत की।

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