Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नीति आयोग की बैठक में कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना विकसित राज्यों और गांवों से ही पूरी होगी। झारखंड गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, युवा कौशल, किसान विकास, शिक्षा, आर्थिक और तकनीकी प्रगति के लिए सतत प्रयास कर रहा है।
राज्य सरकार 50 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये की सहायता दे रही है। बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्थानिक आयुक्त अरवा राजकमल और योजना सचिव मुकेश कुमार मौजूद रहे।
वन क्षेत्र में क्लियरेंस की बाधा दूर हो, पूर्वोत्तर जैसी विशेष सहायता की मांग
सोरेन ने कहा कि झारखंड के वन क्षेत्र पूर्वोत्तर राज्यों के समकक्ष हैं, लेकिन आधारभूत संरचना के लिए क्लियरेंस में देरी बाधा बन रही है। उन्होंने केंद्र से पूर्वोत्तर राज्यों जैसी विशेष सहायता और विकसित भारत @2047
के लिए अपेक्षित सहयोग मांगा।
उन्होंने साहिबगंज को कार्गो हब के रूप में विकसित करने और गंगा नदी पर अतिरिक्त पुल या उच्च स्तरीय बांध बनाने की जरूरत बताई।
रेल विस्तार, डेडीकेटेड माइनिंग कॉरिडोर और CNT-SPT में बदलाव की जरूरत
मुख्यमंत्री ने रेल परिचालन विस्तार, CSR और DMFT फंड को राज्य की प्राथमिकताओं में शामिल करने की मांग की। उन्होंने डेडीकेटेड इंडस्ट्रियल माइनिंग कॉरिडोर की जरूरत बताई, जो परिचालन को सुगम बनाएगा।
CNT और SPT एक्ट के कारण उद्यमों में आ रही दिक्कतों के लिए वित्त मंत्रालय के साथ समन्वय की मांग की।
मनरेगा-PMAY में राशि बढ़े, प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र की भागीदारी जरूरी
सोरेन ने कहा कि मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं में समय के साथ राशि बढ़नी चाहिए। COVID के दौरान और हाल ही में कैमरून में फंसे मजदूरों को राज्य सरकार ने अपने खर्चे पर वापस बुलाया।
उन्होंने प्रवासी मजदूरों, खासकर महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और विदेश में काम करने वाले मजदूरों के वीजा, सुरक्षा और खर्च में केंद्र सरकार की भागीदारी की मांग की।