Jharkhand News: हुसैनाबाद के कृषकों ने झारखंड सरकार पर धान खरीद के भुगतान में अत्यधिक देरी का आरोप लगाते हुए गहरी नाराजगी जताई है। मंगलवार को किसानों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संबोधित एक ज्ञापन सौंपकर मांग की कि 6 माह पहले सरकारी दर पर बेचे गए धान की पूरी राशि का तत्काल एकमुश्त भुगतान किया जाए।
24 घंटे के वादे का नहीं हुआ पालन
किसानों ने ज्ञापन में बताया कि सरकार ने 24 घंटे के भीतर धान का भुगतान बैंक खातों में जमा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक पूरी राशि नहीं मिली। इससे किसान कर्ज के बोझ तले दब गए हैं और साहूकारों से ऋण लेने को मजबूर हैं।
उन्होंने सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और साहूकारों से मुक्ति की बात करती है, वहीं भुगतान में देरी उनकी स्थिति को और बदतर बना रही है।
सेवा का अधिकार अधिनियम की अनदेखी
किसानों ने ‘सेवा का अधिकार अधिनियम’ का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी कार्य 15 दिन के भीतर निष्पादित होना चाहिए, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा।
हाल के समाचारों के अनुसार, झारखंड में हजारों किसानों को 6 माह बाद भी भुगतान नहीं मिला है, जिसमें पलामू जिले के किसान भी शामिल हैं।
15 दिन में भुगतान नहीं तो आमरण अनशन
किसानों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे राजभवन के समक्ष आमरण अनशन शुरू करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
ज्ञापन की प्रतिलिपि खाद्य आपूर्ति मंत्री, वित्त मंत्री, नेता प्रतिपक्ष और अन्य उच्चाधिकारियों को भी भेजी गई है।
पलामू में धान खरीद का लक्ष्य भी अधूरा
पलामू जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन भुगतान में देरी ने किसानों का भरोसा तोड़ा है।
किसानों का कहना है कि यदि सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो अगली फसल पर भी असर पड़ेगा।