Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय ने पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।
निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की।
1 मई 2025 को जस्टिस मुखोपाध्याय की पीठ में सुनवाई निर्धारित थी, लेकिन उन्होंने मामले को दूसरी पीठ को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया। इससे अब सुनवाई ग्रीष्म अवकाश के बाद होगी।
ED ने ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले की जांच के दौरान आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल और उनके सहायक जहांगीर आलम के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
इस दौरान जहांगीर के घर से 32.30 करोड़ रुपये नकद और संजीव लाल के कंप्यूटर व डायरी में कमीशन वसूली का ब्योरा बरामद हुआ था।
दो दिन की पूछताछ के बाद ED ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था। जांच में दावा किया गया कि आलमगीर टेंडर आवंटन में 1.5% कमीशन लेते थे, और एक मामले में उन्हें 3 करोड़ रुपये मिले थे।
फिलहाल, आलमगीर न्यायिक हिरासत में हैं, और उनकी जमानत याचिका पर अगली सुनवाई हाईकोर्ट की दूसरी पीठ में होगी।