Ranchi News: झारखंड के बहुचर्चित 38 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में निलंबित IAS विनय कुमार चौबे, तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह सहित पांच आरोपियों की न्यायिक हिरासत को एसीबी की विशेष अदालत ने 9 जून 2025 तक बढ़ा दिया है।
मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी में विनय चौबे के वकील ने रिम्स में उनसे मिलने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। चौबे स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती हैं।
2022 की शराब नीति में गड़बड़ी, छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट को फायदा
एसीबी ने 20 मई 2025 को विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। जांच से पता चला कि 2022 में छत्तीसगढ़ मॉडल पर बनी नई शराब नीति में गड़बड़ियां की गईं।
टेंडर की शर्तें मनमाने ढंग से बदलकर एक खास सिंडिकेट को देसी-विदेशी शराब का ठेका दिया गया, जिससे सरकार को 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। छत्तीसगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी और फर्जी बैंक गारंटी के जरिए यह खेल रचा गया।
पांच गिरफ्तार, अन्य की संपत्ति जांच में
इस मामले में अब तक विनय चौबे, गजेंद्र सिंह, JSBCL के जीएम वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व जीएम वित्त सुधीर कुमार और मार्शन कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं।
ACB ने विनय चौबे, उनकी पत्नी, रिश्तेदारों और अन्य संदिग्धों की संपत्ति की जांच शुरू की है, जिसमें अवैध निवेश की संभावना जताई जा रही है।
विनय चौबे ने हाईकोर्ट में दी चुनौती
विनय चौबे ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें FIR रद्द करने की मांग की गई है। पूछताछ में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर कई सवालों के जवाब टाले।
गजेंद्र सिंह से भी दो दिन की रिमांड में कोई खास जानकारी नहीं मिली। ACB अब अन्य संदिग्धों, जिसमें उमाशंकर सिंह और 15 अन्य शामिल हैं, से पूछताछ की तैयारी में है।
झारखंड सरकार ने की सख्ती, चार अधिकारी निलंबित
झारखंड सरकार ने विनय चौबे, गजेंद्र सिंह, सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास को निलंबित कर दिया है। एसीबी की जांच में सामने आया कि अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन कर प्लेसमेंट एजेंसियों को अनैतिक लाभ पहुंचाया।
जांच का दायरा अब छत्तीसगढ़ तक फैल गया है, और 8 जून से 15 नए लोगों से पूछताछ शुरू होगी।