Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट ने रांची के लालगुटुआ में एक ही जमीन के दोहरे म्यूटेशन के मामले में शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के अनिल कुमार सिंह के पक्ष में दिए फैसले को बरकरार रखते हुए दोबारा किए गए म्यूटेशन को रद्द कर दिया। कोर्ट ने अपीलकर्ता अजीत कुमार बरियार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
कोर्ट ने कहा- वृद्ध महिला को परेशान किया गया
खंडपीठ ने कहा कि जमीन को दोबारा बेचा गया और धोखाधड़ी से दोहरा म्यूटेशन कराया गया। इसके जरिए एक वृद्ध महिला (देवकली देवी) पर केस डालकर उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया गया।
प्रतिवादी अनिल कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता विशाल कुमार ने पक्ष रखा।
क्या है मामला?
1963 में देवकली देवी ने लालगुटुआ में 43 डिसमिल जमीन खरीदी थी और उसका म्यूटेशन कराया था, जिसकी रसीद भी कट रही थी। वर्ष 2000 में पुराने जमीन मालिक के रिश्तेदारों ने धोखाधड़ी कर उसी जमीन को अजीत कुमार बरियार को बेच दिया।
अजीत ने इसे एक बिल्डर को बेच दिया, जिसने रजिस्ट्री कराकर दोबारा म्यूटेशन करा लिया और देवकली देवी के म्यूटेशन को रद्द करवा दिया।
2007 में दायर हुई थी याचिका
2007 में देवकली देवी की ओर से अनिल कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए बिल्डर के म्यूटेशन को गलत ठहराया और देवकली देवी के म्यूटेशन को सही माना।
इसके खिलाफ अजीत कुमार बरियार ने खंडपीठ में अपील दायर की थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
जुर्माने के साथ अपील खारिज
हाई कोर्ट ने धोखाधड़ी और वृद्ध महिला को परेशान करने के लिए अजीत कुमार बरियार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और उनकी अपील को खारिज करते हुए एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा।