Jharkhand News: पश्चिम सिंहभूम जिले के गुवा क्षेत्र के कुसुम घाट स्थित शिव मंदिर सहित अन्य स्थानों पर सोमवार को वट सावित्री पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाओं ने निर्जला उपवास रखकर वट (बरगद) पेड़ के नीचे पति की लंबी आयु और संतान सुख के लिए पूजा-अर्चना की। पूजा के दौरान मंदिर के पुजारी प्रभात पाणिग्रही ने वट सावित्री की कथा सुनाई और पूजा संपन्न कराई।
मान्यता है कि वट सावित्री पूजा में वट पेड़ के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की आयु में वृद्धि होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज के चंगुल से बचाया था।
इस दिन सुहागिन महिलाओं ने वट पेड़ की परिक्रमा की, रक्षासूत्र बांधा और घर जाकर पति के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। पंडित प्रभात पाणिग्रही ने बताया कि सावित्री के साथ-साथ माता अनसूइया और माता सीता का नाम भी सतीत्व के लिए प्रमुखता से लिया जाता है।
कुसुम घाट के शिव मंदिर में सुहागिन महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में पूजा-अर्चना की और कथा श्रवण के बाद पति की दीर्घायु की कामना की। इस दौरान मंदिर परिसर भक्ति और उत्साह से भरा रहा।