दुमका: पुलिस पदाधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण जिला व्यवहार न्यायालय परिसर के न्याय सदन में आयोजित हुआ।
पुलिस पदाधिकारियों को केसों के निष्पादन से संबंधित चरणबद्ध प्रक्रिया को लेकर प्रशिक्षण अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम तौफिकुल हसन ने दिया।
पुलिस पदाधिकारियों को दर्ज प्राथमिकी में खामियां को बताते हुए दूर करने के उपाय बताया।
डीजे वन मो हसन ने खास कर सीआरपीसी के धारा 41 ए के तहत होने वाली न्यायिक प्रक्रिया और साईबर अपराध से संबंधित प्रक्रिया से अवगत करवा गया।
साथ ही एससी व एसटी एक्ट में खास ख्याल रखने का हिदायत दिया। डीजे वन ने पुलिस पदाधिकारियों को बताया कि न्यायालय में लंबित वादों में कई गलतियां देखी गई है।
जिससे न्यायालय भी नजर अंदाज कर पुलिस पदाधिकारी के गलतियों से बचाव करती है। ऐसे में न्यायिक फैसला सुनाने में काफी परेशानी होती है।
डीजे वन ने पुलिस पदाधिकारियों से सही दिशा में अनुसंधान करने को प्रेरित किया। जिससे निर्दोष व्यक्ति को बचाया जा सके। इस अवसर पर अन्य कानूनी जानकारी दी गई।
यहां बता दें कि न्यायालय द्वारा पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा किए गए दर्ज प्राथमिकी एवं चार्जसीट में कई खामियां आये दिन उजागर होते रहते है। जिसका मुख्य कारण प्रमोटी एएसआई होते है।
जिसक सिपाही से एएसआई में पदोन्नति होती है। वह अज्ञानता या जानकारी के अभाव में तकनीकि गड़बड़ियां कर बैठते है।
इस अवसर पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम विजय यादव एवं विभिन्न थाना के पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।