Jharkhand News: BJP के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सोरेन सरकार पर मोरहाबादी मैदान के ऐतिहासिक स्टेज को तोड़ने के फैसले पर सवाल उठाए। रविवार को उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये की लागत से बना यह स्टेज गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और कई ऐतिहासिक रैलियों का गवाह रहा है।
खुद CM हेमंत सोरेन ने इस स्टेज से दो बार शपथ ली। फिर इसे ध्वस्त करने का फैसला क्यों लिया गया?
स्टेज तोड़ने का असली मकसद क्या?
प्रतुल ने कहा कि इस मल्टीपर्पज स्टेज पर स्थानीय कलाकार परफॉर्म करते थे। सरकार ने इसे तोड़ने का कोई ठोस कारण नहीं बताया, जो साबित करता है कि यह पूर्व BJP सरकार की धरोहरों को मिटाने की कोशिश है।
उन्होंने पूछा कि किन संगठनों की मांग पर स्टेज तोड़ा गया? जब इसका इतना अच्छा यूज हो रहा था, तो विध्वंस का मकसद क्या है?
ऐतिहासिक धरोहर मिटाने की साजिश
प्रतुल ने तंज कसते हुए कहा कि साढ़े पांच साल तक हेमंत सरकार को स्टेज से कोई दिक्कत नहीं थी। अचानक इसे तोड़ने का काम कैसे शुरू हुआ? क्या यह कोई सोची-समझी साजिश है?
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार फंड की कमी का रोना रोती है, मंईयां सम्मान योजना के लिए दूसरे डिपार्टमेंट्स का पैसा डायवर्ट करती है। फिर भी बहुउद्देशीय स्टेज को बेवजह तोड़ दिया।
प्रतुल ने हेमंत सरकार को ‘अबुआ’ नहीं, बल्कि ‘बिना कारण स्मारकों का विध्वंस करने वाली सरकार’ करार दिया। उन्होंने मांग की कि सरकार स्पष्ट करे कि स्टेज तोड़ने का असली मकसद क्या है और इसके पीछे कौन लोग हैं।