Jharkhand News: झारखंड में IPS अनुराग गुप्ता की DGP नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका (Contempt Petition) की सुनवाई 6 मई 2025 को कैंसिल हो गई। सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट में इस केस को इनक्लूड नहीं किया गया है। राज्य सरकार ने भी 5 मई तक शपथ पत्र (Affidavit) दाखिल नहीं किया, जिससे केस का सस्पेंस और बढ़ गया है।
झारखंड के 50,000 पुलिसकर्मियों, ब्यूरोक्रेट्स, और पॉलिटिशियन्स की नजर इस हाई-प्रोफाइल मामले पर टिकी है, क्योंकि DGP नियुक्ति विवाद का सॉल्यूशन इस याचिका से जुड़ा है।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव ने झारखंड पुलिस के मोरल को भी इम्पैक्ट किया है।
क्या है केस?
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने फरवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की, जिसमें DGP अनुराग गुप्ता, मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दादेल, चयन समिति के चेयरमैन जस्टिस रत्नाकर भेंगरा (रिटायर्ड), और पूर्व DGP नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया।
याचिका में दावा किया गया कि अनुराग गुप्ता की DGP नियुक्ति प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार (2006) के सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन्स का उल्लंघन है। कोर्ट ने DGP को UPSC द्वारा एम्पैनल्ड तीन सीनियर ऑफिसर्स में से 2 साल की टेन्योर के साथ चुनने का डायरेक्शन दिया था।
याचिका में कहा गया कि गुप्ता की एड-हॉक और रि-अपॉइंटमेंट इल्लीगल है, और उन्हें पद से हटाने के साथ प्रतिवादियों पर अवमानना की कार्रवाई हो।
25 मार्च 2025 को CJI संजीव खन्ना की बेंच ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर शपथ पत्र दाखिल करने का ऑर्डर दिया था।
मई के पहले हफ्ते में सुनवाई का डायरेक्शन था, और कंप्यूटर-जेनरेटेड डेटा के आधार पर 6 मई को हियरिंग की उम्मीद थी। लेकिन कॉज लिस्ट में केस न होने से डेट पोस्टपोन हो गई।