झारखंड

उपलब्धियों से भरा रहा अमिताभ चौधरी का कार्यकाल

रांची: झारखंड लोकसेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) के अध्यक्ष रह चुके IPS अधिकारी अमिताभ चौधरी का मंगलवार तड़के निधन हो गया।

वे राजधानी Ranchi के सेंटेविटा अस्पताल (Sentavita Hospital) में भर्ती थे। इंजीनियरिंग छात्र (Engineering Student) से IPS और फिर BCCI तक का सफर तय करने वाले अमिताभ चौधरी किसी पहचान के मोहताज नहीं रहे। उनका जीवन उपलब्धियों से भरा रहा है।

IPS रहते हुए उन्होंने काम से अलग पहचान बनाई

मूलरूप से Bihar के दरभंगा जिले के बाथे गांव के रहने वाले अमिताभ चौधरी का जन्म छह जुलाई, 1960 को हुआ। वे 1985 बैच के IPS अधिकारी थे। IPS रहते हुए उन्होंने काम से अलग पहचान बनाई।

लोहरदगा, पलामू, जमशेदपुर और Ranchi में उन्होंने SP-SSP के पद पर रहते हुए माफिया और संगठित अपराध के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई की।

कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा। जनशिकायतों के निस्तारण और Police कर्मियों की समस्याओं के निवारण में उल्लेखनीय काम किए। कई अपराधियों का Encounter भी किया। उन्होंने फोर्स (Force) को अनुशासित बनाए रखा।

अमिताभ ने सबसे पहले Police का खुफिया Network मजबूत किया

Ranchi में दिनदहाड़े मर्डर, लूट, गैंगवार आदि की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए अमिताभ को Ranchi की कमान 23 अप्रैल, 1997 को सौंपी गयी।

उन्होंने कई चुनौतियां के बावजूद एक-एक कर अपराधी और उनके गुर्गों को पकड़कर Jail में डालना शुरू किया। सुरेंद्र सिंह बंगाली उर्फ रौतेला और अनिल शर्मा जैसे अपराधियों को सलाखों के पीछे डालकर गैंगवार को खत्म कर दिया था।

अमिताभ ने सबसे पहले Police का खुफिया Network मजबूत किया। दर्जनों हत्या, लूट, रंगदारी में वांछित गैंगस्टर सुरेंद्र बंगाली को Kolkata से गिरफ्तार (Arreste) किया। इसके कुछ ही महीनों बाद अनिल शर्मा को Noida से गिरफ्तार किया गया।

Bihar से आने के बाद वह Jharkhand में ही रह गए

यही वजह है कि आज भी अमिताभ चौधरी लोगों के दिलों में एक अमिट छाप बनाकर रखे हुए हैं। सात जनवरी, 2000 तक करीब लगभग तीन साल तक का रांची में अपना टर्म पूरा किया।

इसके बाद इन्हें DIG के पद पर प्रमोट किया गया। Bihar से आने के बाद वह Jharkhand में ही रह गए। वर्ष 2013 में Special Branch के ADG पद पर रहते हुए अमिताभ चौधरी ने वॉलंटियरी रिटायरमेंट ले लिया और झारखंड क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Jharkhand Cricket Board of Control) के President बने।

IIT खड़गपुर से की पढ़ाई

अमिताभ चौधरी ने 1984 में IIT खड़गपुर से B.Tech की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1985 में IPS बने। इन्होंने UPSC की परीक्षा में इतिहास और भूगोल विषय को Optional पेपर में रखा था।

पहले ही प्रयास में इन्होंने परीक्षा पास की और IPS श्रेणी में पूरे भारत में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। इन्हें Bihar कैडर मिला।

तत्कालीन उप मुख्यमंत्री को हराकर बने JSCA अध्यक्ष

वर्ष 2002 में वह बीसीसीआई के सदस्य बने। इसके बाद साल 2005 में राज्य के तत्कालीन डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुदेश कुमार महतो को हराकर वह झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) के अध्यक्ष बने। फिर वर्ष 2005 से 2009 तक क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे। साल 2013 में उन्होंने IPS की नौकरी से VRS ले ली।

साल 2014 में राजनीति में रखा कदम

इनकी उपलब्धियों की शृंखला में राजनीति भी है। साल 2013 में नौकरी से VRS लेने के बाद राजनीति में कदम रखा। साल 2014 में लोकसभा का चुनाव उन्होंने लड़ा।

बाबूलाल मरांडी की पूर्व पार्टी JVM से टिकट मिला था लेकिन 67 हजार Vote लाकर चौथे स्थान पर रहे। पदों में रहने की बात करें तो झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष, BCCI के सचिव सहित Team India के मैनेजर भी रह चुके थे।

अक्टूबर 2020 में बनाये गये थे JPSC अध्यक्ष

भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके IPS अधिकारी और झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से लेकर BCCI के कार्यवाहक सचिव जैसे पदों को सुशोभित कर चुके अमिताभ चौधरी को राज्य सरकार ने अक्टूबर 2020 में झारखंड लोकसेवा आयोग (JPSC) का अध्यक्ष बनाया था। इनका कार्यकाल जुलाई 2022 को पूरा हुआ था।

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