रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने कहा है कि झारखंड (Jharkhand) का जितना विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ।
पिछले 22 सालों में ज्यादातर वक्त राज्य के CM आदिवासी ही रहे, लेकिन इसके बाद भी इस राज्य की यह स्थिति है। राष्ट्रपति गुरुवार को झारखंड के खूंटी (Khunti) में महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं के साथ संवाद कर रही थीं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उड़ीसा की जरूर हूं, लेकिन झारखंड (Jharkhand) का खून मेरे शरीर में है। मेरी दादी यहीं से थीं। इस धरती से मेरा लगाव है।
मेरा सौभाग्य है कि मैं यहां राज्यपाल रही। मुझे खुशी है कि झारखंड की महिलाएं अब आगे बढ़ रही हैं। वह महिला समूहों से जुड़कर तरह-तरह के प्रोडक्ट बना रही हैं। आत्मनिर्भर हो रही हैं। सरकार महिला समूहों की मदद कर रही है।
मेहनत करने से पीछे न हटें
उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपनी प्रतिभा और क्षमता को भी निखारें। हम पिछड़े हैं इसलिए सिर्फ इस उम्मीद में हाथ पर हाथ धरे बैठे न रहें कि केंद्र और राज्य सरकार हमारी मदद करेगी। मेहनत करने से पीछे न हटें। हमें और अच्छा करने के लिए दौड़ना होगा
महिलाएं नेतृत्व कर रही: राष्ट्रपति
खुद के आदिवासी महिला होने पर गर्व करते हुए राष्ट्रपति (President) ने कहा कि देश में अपने क्षेत्रों में बेटियों और महिलाओं ने अमूल्य योगदान दिया है।
महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं। लोकतंत्र की शक्ति के कारण आज वे राष्ट्रपति के रूप में लोगों के बीच मौजूद हैं। बेटियां, बेटों से अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। राष्ट्रपति भवन (President’s House) में पुरस्कार वितरण करते हुए उन्हें महिलाओं की अदम्य ताकत का एहसास हुआ है।
जनजातीय समाज का उदाहरण पूरे देश में अनुकरणीय
जनजातीय समाज (Tribal Society) की परंपराओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमलोग बिना दहेज के अपने घरों में बहू लाते हैं और दूसरे घरों में बिना दहेज के बेटी देते हैं।
दूसरे समाज इसका अनुसरण नहीं कर पाते. देश में आज तक दहेज प्रथा खत्म नहीं हो पायी है। दहेज एक राक्षस है। इस संबंध में जनजातीय समाज (Tribal Society) का उदाहरण पूरे देश में अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सम्मेलन से महिलाओं में जागरूकता फैलेगी और आने वाले समय में महिलाएं विकास की गाथा लिखेंगी।
महिला संवाद में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्यपाल सीपी बालाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) भी उपस्थित रहे।