झारखंड

यहां सस्ते मूल्य पर मिलती हैं दवाइयां, अब सरकार इसे बंद करने पर तुली है: संजय सेठ

रांची: रिम्स परिसर में जेनरिक दवा की दुकान दवाई दोस्त के अचानक बंद किए जाने के फरमान पर रांची के सांसद संजय सेठ ने कड़ा एतराज जताया है।

सेठ ने बुधवार को कहा कि यह सरकार और पूरी व्यवस्था धीरे-धीरे जनविरोधी होती जा रही है। रिम्स एक ऐसी जगह है, जहां पूरे राज्य भर के लोग इलाज के लिए आते हैं।

यहां वही लोग इलाज के लिए आते हैं जो महंगे इलाज कराने में सक्षम नहीं हो। उनके लिए दवाई दोस्त बहुत बड़ा मददगार साबित होता है।

बेहद सस्ते मूल्य पर वहां अच्छी दवाइयां उपलब्ध हो जाती हैं। अब सरकार अचानक से इसे बंद करने पर तुली है।

तकनीकी समस्या चाहे जो भी हो लेकिन सरकार को इस पर विचार करना चाहिए कि जब तक जनता को कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी जाए।

उनके लिए सस्ती दवाओं का प्रबंध नहीं कराया जाए। तब तक किसी भी रूप में इस केंद्र को बंद नहीं किया जाना चाहिए।

प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां इलाज के लिए आते हैं, अब वह लोग कहां जाएंगे।

आखिर यह सरकार क्यों गरीब विरोधी होती जा रही है। जनता को हक है कि उन्हें सस्ती दवाएं मिले।

इसके लिए प्रधानमंत्री ने जन औषधि केंद्र खोलने की बात कही है। रांची में कई स्थानों पर जन औषधि केंद्र खुले, इस दिशा में कई अन्य लोग भी आगे आये है लेकिन राज्य सरकार का यह जनविरोधी फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

सरकार को अपना यह फैसला किसी भी कीमत पर वापस लेना चाहिए, ताकि गरीब वर्ग के लोग सस्ती दवाएं खरीद सकें।

उल्लेखनीय है कि गत दिनों दवाई दोस्त बंद करने को लेकर रिम्स निदेशक ने आदेश जारी किया था।

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