भारत

26 मई को आंदोलन के 6 माह, मोदी सरकार के 7 साल होंगे पूरे

चंडीगढ़: नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के बॉर्डर पर मुस्तैद हैं और आने वाले समय में फिर से जमावड़ा बढ़ाने की तैयारी में हैं।

इसी के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चे के बलबीर सिंह राजेवाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात की।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों से किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हो रही है।

इसलिए मोदी सरकार को हमारी ओर से एक चिठ्ठी लिखी गई है।

इसमें उनसे किसानों की बात को सुनने के लिए बातचीत का दौर फिर से शुरू करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि 26 मई को किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे हो रहे है और इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पीएम बने 7 साल हो रहे हैं।

इस दिन गांव और शहरों में किसान-मजदूर अपने घरों, दुकानों और इंडस्ट्री पर काले झंडे लगाकर विरोध दर्ज कराएंगे।

मोदी सरकार ने देश की हालत बिगाड़ी

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की हालत दयनीय हो गई है। इकोनॉमी लगातार गिर रही है।

बेरोजगारी बढ़ गई है और छोटे इंडस्ट्री और दुकानदारों परेशान हैं।

26 मई को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध धर्म के गुरुओं को बुलाया गया है, ताकि वे स्टेज पर कि आकर किसानों से धर्म की बातें सांझा करें।

लोगों को गुमराह कर रही सरकार

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने आंदोलन के दौरान शुगर मरीज किसान की मौत होने पर पोस्टमॉर्टम करने के बाद उसे कोरोना से हुई मौत बता दिया।

अगर किसान की मौत कोरोना से हुई थी, तो फिर पोस्टमॉर्टम क्यों किया गया। हरियाणा सरकार लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

वैक्सीन के लिए नहीं आ रही टीमें

राजेवाल ने कहा कि टीकरी, गाजीपुर और कुंडली बॉर्डर पर किसानों के वैक्सीनेशन के लिए योजना बनाने के लिए सरकार से अपील की गई थी, लेकिन कोई टीम वैक्सीनेशन के लिए नहीं आई।

किसान मोर्चे की ओर से बॉर्डर पर कोरोना से बचने के लिए सरकारों से कहीं बेहतर व्यवस्था की गई है।

यहां के किसानों को रोज काढ़ा और दवाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा नियमित सफाई की व्यवस्था भी की गई है।

यहां पर अभी तक एक भी मौत कोरोना से नहीं हुई है।

नेशनल कनवेंशन की तैयारी शुरू

उन्होंने कहा कि देश के किसान जत्थेबंदियों को लेकर एक नेशनल कनवेंशन की तैयारी की जा रही है।

कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद इसे करवाया जाएगा।

इसके लिए कमेटियां बनाई जा रही हैं। इसमें किसानों से बातचीत कर रणनीति तैयार की जाएगी और फिर आंदोलन को बढ़ाया जाएगा।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker