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भारत में AY.1′ नाम वैरिंएट के 8 मामले सामने आए, फिर से बढ़ी चिंता!

नई दिल्ली: भारत में तबाही मचाने वाले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) ने फिर अपना रूप बदल लिया है। नया वैरिएंट बी.1.617.2.1 हैं, इस आसान भाषा में एवॉय.1′ AY.1 नाम दिया गया है।

ये वैरिएंट अब भारत समेत कई देशों में धीरे-धीरे फैल रहा है। सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों का कहना है कि एवॉय.1′ वैरिएंट में इम्यून से छिपने के गुण हैं।

ये शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स, वैक्सीन और एंटीबॉडी थैरेपी को बाधित कर आंशिक या पूरी तरीके से रोगजनक बना सकता है।

अब तक, दुनिया भर में वैरिएंट के 156 सैंपल सामने आए हैं। इसका पहला सैंपल मार्च में यूरोप में पाया गया था।

भारत में पहली बार ये वैरिएंट अप्रैल के महीने में सामने आया था। अब तक भारत में इसके 8 सैंपल पाए गए हैं।

भारत में पाए गए सैंपल में से तीन तमिलनाडु के और बाकी एक-एक ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के हैं।

वायरस के स्पाइक प्रोटीन में हुए एवॉय.1 के इस म्यूटेशन की पहचान के 417 एन नाम से की गई है। ये म्यूटेशन ब्राजील में पाए गए बीटा वैरिएंट (बी.1.351) में भी मौजूद था।

आईजीबीआई के वैज्ञानिक ने ट्वीट में कहा, इस बदलते वैरिएंट को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। बड़े पैमाने पर, नए म्यूटेशन के जरिए वायरस ने फैलने और इम्यून से बचने की कोशिश की है।

यूके सरकार की एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड भी के 417एन म्यूटेशन पर नजर रख रही है। यहां इस वैरिएंट के कम से कम 35 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। इसमें से दो मरीजों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी।

हालांकि इसमें से किसी के भी मौत की खबर सामने नहीं आई है। आईजीआईबी के शोधकर्ताओं के अनुसार, डेटा बताता है कि एवॉय.1 वैरिएंट से संक्रमित लोगों के दो अलग-अलग समूह पहले से ही मौजूद हैं।

स्पाइक म्यूटेशन ए222वी वाला एक छोटा समूह अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया से है। वहीं दूसरा समूह बड़ा है जिसमें यूके, भारत और नेपाल सहित आठ अन्य देशों में स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन टी 95आई है।

आईजीबीआई की एक शोधकर्ता ने ट्वीट करते हुए कहा, बड़े (टी 95 आई) क्लस्टर को देखते हुए, ऐसा लगता है कि एवॉय.1 कई बार स्वतंत्र रूप से उत्पन्न हुआ है और जिन देशों में जीनोमिक सर्विलांस की सुविधा सीमित है वहां ये ज्यादा फैल सकता है।

के417 एन में वायरस की बढ़ी हुई क्षमता है, जो इम्यून सिस्टम से बचने में माहिर है। वैरिएंट ऑफ कंसर्न डेल्टा को देखते हुए किसी भी अन्य उभरते हुए म्यूटेशन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

कोविड-19 के वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर वीके पॉल ने कहा, ये नया वैरिएंट चिंता करने वाला नहीं है।

हम अभी तक इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं और इसका अध्ययन कर रहे हैं। इसमें भारत के मामले भी शामिल हैं।

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