भारत

G-7 देशों ने चीन को हर तरफ से घेरा

नई दिल्ली: दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी आखिर फैली कहां से, इसका जवाब अभी तक नहीं मिल सका है।

रविवार को संपन्न हुई जी-7 देशों की बैठक में एक बार फिर से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की निष्पक्ष जांच को लेकर मांग उठी।

इसके अलावा इंग्लैंड के कॉर्नवाल में जी-7 शिखर सम्मेलन दौरान चीन में जारी मानवाधिकारों का मुद्दा भी उठा।

खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस बैठक में चीन के प्रति सख्त दिखे और उन्होंने इस मंच पर फिर से दोहराया कि कोरोना के चीन की प्रयोगशाला से फैलने की आशंका है अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बार फिर दोहराया कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का स्रोत चीनी प्रयोगशाला हो सकती है।

उन्होंने कहा कि चीन ने वैज्ञानिकों को अपनी प्रयोगशालाओं तक जाने की इजाजत नहीं दी ताकि कोरोना के स्रोत के बारे में अध्ययन किया जा सके।

बाइडन ने कहा- मैं किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा हूं, हमारी खुफिया एजेंसियां अभी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि वायरस चमगादड़ से फैला या प्रयोगशाला में बनाया गया, लेकिन इस सवाल का जवाब ढूंढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है।

गौरतलब है कि बाइडन पहले ही अपनी खुफिया एजेंसियों को 90 दिन में कोरोना की उत्पत्ति के बारे में पूरी जानकारी जुटाने का आदेश दे चुके हैं।

सात अमीर देशों के समूह जी-7 के नेताओं के कहा है कि वे चीन की बाजार निर्देशित अर्थव्यवस्था से भिन्न पद्धतियों को चुनौती देने के लिए मिलकर काम करेंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन के साथ आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए साथी लोकतांत्रिक नेताओं को अधिक एकजुट मोर्चा पेश करने पर राजी करना चाहते थे।

उन्होंने चीन की बाजार निर्देशित अर्थव्यवस्था से भिन्न तरीकों एवं मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर उसकी निंदा की।

जी-7 देशों के नेताओं के बीच विकासशील देशों के लिए बुनियादी ढांचा पहल पर काम करने की सहमति बनी है।

इसके जरिए 40 ट्रिलियन डॉलर की सहायता की जाएगी। इसे बिल्ड बैक का नाम दिया गया है।

माना जा रहा है कि यह चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव यानी बीआरआई का विकल्प होगा।

चीन ने अपनी भू-राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के मकसद से लगभग 70 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में कई बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए पैसा देकर अपनी आर्थिक शक्ति और राजनीतिक प्रभाव का विस्तार करने के लिए वर्ष 2013 में बुनियादी ढांचे के विकास की रणनीति को अपनाया।

चीन की ओर से झिनजियांग एवं हांगकांग में मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा भी जी-7 शिखर सम्मेलन में खूब गूंजा।

सभी नेताओं ने चीन द्वारा झिनजियांग एवं हांगकांग में मानवाधिकार का सम्मान करने का आह्वान किया।

जी-7 के नेताओं ने यह भी कहा कि वे चीन से झिनजियांग और अर्धस्वायत्त शहर हांगकाग में मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान करके अपने मूल्यों को बढ़ावा देते रहेंगे।

चीन पर झिनजियांग में उईग्यूर अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप है।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker