भारत

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 30 जून तक प्रतिबंध जारी रहेगा

नई दिल्ली: देश-विदेश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध को जारी रखने का फैसला किया है।

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के ताजा नोटिफिकेशन के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर अब 30 जून तक प्रतिबंध जारी रहेगा। पिछले महीने ही प्रतिबंध को 31 मई तक के लिए बढ़ाया गया था।

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सभी अंतरराष्ट्रीय कार्गो उड़ानों और डीजीसीए की ओर से अनुमति प्राप्त उड़ानों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। यानी कार्गो और अन्य अनुमति प्राप्त उड़ानें पहले की तरह जारी रहेंगी।

इसके अलावा वंदे भारत मिशन और ट्रैवल बबल वाली सभी शेड्यूल्ड फ्लाइट पहले की तरह उड़ान भरती रहेंगी। संबंधित एजेंसियों की मंजूरी के बाद कुछ अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर उड़ानों को अनुमति दी जा सकती है।

23 मार्च से लगा है उड़ानों पर प्रतिबंध

कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल 23 मार्च को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

25 मई से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हो गई थीं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जारी है।

हालांकि, विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार वंदे भारत मिशन के तहत विशेष अभियान चला रही है। इसके अलावा बायो बबल के तहत भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चल रही हैं।

लॉकडाउन के बाद डोमेस्टिक ऑपरेशन 25 मई से खुला

कोरोना शुरू होने के बाद शेड्यूल्ड डोमेस्टिक ऑपरेशन 25 मार्च 2020 से रोक दिया गया था। 25 मई से इसे कुछ शर्तों और प्री-कोविड लेवल के मुकाबले एक-तिहाई क्षमता के साथ धीरे-धीरे खोलना शुरू किया गया।

हवाई किराए पर न्यूनतम और अधिकतम सीमा लगाई गई थी, ताकि विमानन कंपनियां बहुत ज्यादा किराया न लें और सिर्फ जरूरी कार्यों के लिए ही हवाई यात्रा हो।

3 दिसंबर 2020 को फ्लाइट कैपेसिटी को बढ़ाकर प्री-कोविड स्तर के 80 प्रतिशत तक कर दिया गया था। इससे पहले यह 70 प्रतिशत था।

घरेलू उड़ानों में 31 मई तक नहीं बढ़ेगा किराया

सिविल एविएशन मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों में 31 मई तक किराया बढ़ाने पर रोक लगा दी है। कोरोना की वजह से पिछले साल से ही फ्लाइट किराए की सीमा पर प्रतिबंध लगा है।

इससे पहले फरवरी में भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था। किराए के अलावा फ्लाइट को 80 प्रतिशत क्षमता के साथ ही चलाना होगा।

विमानन कंपनियों ने रविवार को ही मंत्रालय से यह अपील की थी कि क्षमता को घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया जाए क्योंकि अप्रैल में बुकिंग में काफी कमी आई है।

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