भारत

डेंगू बुखार से लड़ने में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी

नई दिल्ली: पूरी दुनिया डेंगू बुखार से परेशान है। भारत में भी हर साल इस वायरस की चपेट में आने से सैकड़ों की संख्या में मौतें होती है।

फिलहाल दुनिया में डेंगू का कोई इलाज नहीं है। लेकिन डेंगू वायरस से लड़ने में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।

इंडोनेशिया में हुए ट्रायल में हैरान कर देने वाले नतीजे सामने आए हैं। इसके मुताबिक डेंगू के संक्रमण की संख्या में 77 फीसदी तक की कमी आई है।

जबकि 86 फीसदी लोगों को हॉस्पिटल जाने की नौबत नहीं आई। ट्रायल में मच्छरों को एक खास वैक्टेरिया से संक्रमित किया। वैज्ञानिकों ने इस वैक्टेरिया को चमत्कारपूर्ण’ बताया है।

आज से करीब 50 साल पहले बहुत कम लोगों ने डेंगू का नाम सुना था।लेकिन हाल के दिनों में पूरी दुनिया में डेंगू ने तबाही मचा रखी है।

साल 1970 में ये सिर्फ 9 देशों में फैला था। लेकिन अब हर साल दुनिया भर से करीब 40 करोड़ संक्रमण के मामले सामने आते हैं।

डेंगू को ‘ब्रेक बोन फीवर’ भी कहा जाता है।तेज बुखार और मांसपेशियों दर्द के चलते लोगों को कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।

डेंगू के संक्रमण पर काबू पाने के लिए वैज्ञानिकों ने इंडोनेशिया के योगयाकार्ता शहर में ट्रायल किया।इस दौरान मच्छरों को ‘वॉलबाचिया’ नाम के एक बैक्टीरिया से संक्रमित किया गया।

शोधकर्ता ने बताया कि ये बैक्टीरिया मच्छरों को नुकसान नहीं करता है। ये बैक्टीरिया मच्छर के शरीर के उसी भाग में रहता है जहां डेंगू वायरस रहते हैं।

इससे वायरस को रेप्लिकेट करना मुश्किल होता है।यानी ये दोबारा उस तरह से हमले नहीं कर पाता। लिहाजा मच्छर के दोबारा काटने पर संक्रमण होने की संभावना कम होती है।

ट्रायल के दौरान करीब 50 लाख मच्छरों के अंडे को वॉलबाचिया बैक्टीरिया से संक्रमित किया गया। इन अंडों को हर दो हफ्ते बाद पानी से भरे बाल्टी में रखा गया।ऐसा करीब नौ महीने तक किया गया।

योगयाकार्ता शहर को 24 अलग-अलग जोन में रखा गया। लेकिन सिर्फ शहर के आधे जोन में इन मच्छरों को छोड़ा गया।

इसके मुताबिक डेंगू के मामलों में 77 प्रतिशत की कमी देखी गई। जबकि अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में 86 प्रतिशत की कमी आई।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker