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राज्यसभा में उठा बिहार में गंगा पर बने राजेंद्र सेतु के मरम्मत में विलंब का मामला

बेगूसराय: आजादी के बाद देश में सबसे पहले बिहार के बेगूसराय एवं मोकामा के बीच बने रेल-सह-सड़क पुल (राजेन्द्र सेतु) के मरम्मत में हो रहे विलंब का मामला राज्यसभा तक पहुंच गया है।

राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से यह मामला उठाया था। जिसके बाद सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इसका जवाब दिया गया है।

प्रो. राकेश सिन्हा ने बताया कि बिहार केे सबसे पुराने पुलों में शुमार राजेंद्र सेतु सिमरिया उत्तर और दक्षिण बिहार को ही नहीं, पूर्वोत्तर भारत को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। लेकिन पुल का मरम्मत कार्य लगातार कई वर्षों से चल रहा है, जिसके कारण लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पर रहा है।

इन्हीं सारे तथ्यों के मद्देनजर मरम्मत में लगने वाले समय, बजटीय प्रावधान और कारण समेत पूरा मामला सदन में उठाया गया था।

जिसका जवाब आज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दिया गया है।

सदन में बताया गया है कि बिहार का यह पुल काफी महत्वपूर्ण है तथा लंबे समय से मरम्मत चल रहा है।

इस रेल-सह-सड़क पुल का स्वामित्व रेल मंत्रालय के पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) जोन हाजीपुर के पास है।

जिसके कारण निर्धारित समय सीमा के भीतर मरम्मत कराने की जिम्मेवारी रेलवे को सौंपी गई है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए अनुमान के मुताबिक राजेंद्र पुल की मरम्मत के लिए 80.01 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।

तत्काल लोगों को असुविधा नहीं हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्ग चुनने की सूचना प्रकाशित करने के साथ नोटिस लगाए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि आजादी मिलने केेे बाद प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास से गंगा नदी पर सबसे पहले रेल-सह-सड़क पुल पटना एवं बेगूसराय के बीच बना तथा 1959 में इसका उद्घाटन किया गया था।

जिसके बाद बीच-बीच में मरम्मत कर परिचालन जारी रहा, लेकिन स्थिति गंभीर होने के बाद 2019 में बड़े और भारी वाहन के परिचालन पर रोक लगाने के लिए हाइट गेज लगा दिया गया है।

इसके बाद विगत मई महीने में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राजेंद्र पुल के पूर्ण जीर्णोद्धार कार्य को मंजूरी दी तथा इसके लिए 80 करोड़ 87 हजार 640 रुपया की स्वीकृति दी गई।

इसके तहत रेलवे द्वारा पुल के सड़क मार्ग का पूरा ढांचा बदला जाना है। पुल का ढांचा बदलने के लिए एजेंसी चयन के टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।

इस बीच प्रो. राकेश सिन्हा द्वारा राज्यसभा में मामला उठाया गया है तो उम्मीद है कि जल्द ही मरम्मत की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यहां शिलान्यास किए गए सिक्स लेन सड़क पुल एवं नए रेलवे पुल का निर्माण कार्य भी जोर-शोर से चल रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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