भारत

कोरोना बदलते रूप से दहशत में दुनिया

नई दिल्ली: एक ओर जहां कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर है और लोगों के तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है वहीं इस वायरस के नए नए वैरिएंट भी मुसीबत बने हुए हैं।

कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बेहद गंभीर है और अब इसके मामले भी सामने आने लगे हैं।

डेल्टा वैरिएंट ही वह वजह है जिसके चलते भारत में कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर आई थी।

कोविड-19 का ये वेरिएंट पहली बार भारत में ही मिला था। इसी से भारत में कोरोना के दौरान सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं।

वैज्ञानिकों की मानें तो डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण काफी तेज़ी से फैलता है। साथ ही ऐसे में मरीजों में कोरोना के गंभीर लक्षण दिखते हैं।

इस वक्त ब्रिटेन और इज़राइल में इसी वेरिएंट के चलते कोरोना के नए केस में तेज़ी से इज़ाफा हो रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक इज़राइल में कोरोना के 90 फीसदी केस इसी वेरिएंट के हैं।

ये स्थिति तब है जब वहां 50 फीसदी लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है। कोरोना का ये एक अन्य वेरिएंट डेल्टा में ही म्यूटेशन के बाद देखने को मिला है।

फिलहाल इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट’ की कैटेगरी में रखा गया है, यानी इसमें ये पता लगाने कि कोशिश की जा रही है कि किस तरह से ये अपना रूप बदल रहा है।

फिलहाल इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ में नहीं रखा है, यानी तुरंत चिंता की बात नहीं है। हाल के दिनों में महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस के काफी ज्यादा केस सामने आए हैं।

WHO ने इस वेरिएंट को अब तक ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ नहीं कहा है। फिलहाल इसे वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा गया है।

डेल्टा की तरह कप्पा भी अपने दो म्यूटेशंस EE484Q और L452R के चलते डबल म्यूटेंट है।

बता दें कि लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज 109 सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की थी। इसी दौरान कुछ सैंपल में कप्पा वेरिएंट दिखा।

वहीं कोरोना का अगले वैरिएंट लैम्बडा को फिलहाल ‘वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट’ की कैटेगरी में रखा गया है, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में अब तक कोविड के लैम्बडा वेरिेंट का कोई मामला सामने नहीं आया है।

14 जून को डब्ल्यूएचओ द्वारा पहचाना गया लैम्बडा वायरस का सातवां वैरिएंट था और 25 देशों में इसका पता चला है। बता दें कि लैम्बडा के कुछ केस कनाडा में मिले हैं।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker