Mastermind of Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए व्यापक अभियान छेड़ा है। जांच एजेंसियों ने इस हमले में दो पाकिस्तानी आतंकियों, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई, की संलिप्तता की पुष्टि की है।
इसके साथ ही कुछ अन्य पाकिस्तानी आतंकियों के शामिल होने का संदेह भी जताया जा रहा है।
सुरक्षा बलों का मानना है कि मूसा की जिंदा गिरफ्तारी 26/11 मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब की तरह महत्वपूर्ण खुलासे कर सकती है।
कौन है हाशिम मूसा?
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हाशिम मूसा पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री फोर्स, स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो है। उसे दिखावे के लिए SSG से निकाला गया और बाद में वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) में शामिल हो गया।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि मूसा को पाकिस्तानी सेना ने ही LeT में भेजा था ताकि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके। मूसा सितंबर 2023 में सीमा पार कर भारत में दाखिल हुआ और बडगाम जिले में सक्रिय रहा।
उसे कश्मीर में LeT के नेटवर्क को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
मूसा एक प्रशिक्षित पैरा कमांडो है, जो अत्याधुनिक हथियारों, अपरंपरागत युद्ध और खुफिया मिशनों में माहिर है।
वह जंगल में लंबे समय तक जीवित रहने और छिपने में सक्षम है। सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद हिरासत में लिए गए 14 संदिग्धों ने मूसा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।
इन पर हमले में पाकिस्तानी आतंकियों को रसद, हथियार और रेकी में मदद करने का आरोप है।
सुरक्षा बलों का सघन अभियान
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मूसा, अली भाई और स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन थोकर की गिरफ्तारी के लिए 20-20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
सुरक्षा बल दक्षिण कश्मीर के जंगलों, खासकर अनंतनाग और बाइसरण के आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चला रहे हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि मूसा पंजाल रेंज के ऊपरी इलाकों में छिपा हो सकता है और उसका पाकिस्तान भागने का खतरा बना हुआ है।
सेना, राष्ट्रीय राइफल्स, CRPF और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें ड्रोन, हेलिकॉप्टर और स्थानीय आदिवासी समुदायों की मदद से तलाशी में जुटी हैं।
मुंबई हमले से समानता
26/11 मुंबई हमले में LeT के आतंकी अजमल कसाब की जिंदा गिरफ्तारी ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने में अहम भूमिका निभाई थी। कसाब ने पूछताछ में LeT और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका का खुलासा किया था।
शुरू में पाकिस्तान ने कसाब को अपना नागरिक मानने से इनकार किया, लेकिन बाद में उसे पंजाब प्रांत के फरीदकोट का निवासी स्वीकार किया।
कसाब को 21 नवंबर 2012 को पुणे की यरवडा जेल में फांसी दी गई थी। सुरक्षा एजेंसियां मूसा की गिरफ्तारी को उसी तरह की सफलता मान रही हैं, जो पाकिस्तान के आतंकी समर्थन को वैश्विक मंच पर उजागर कर सकती है।