झारखंड

झारखंड के इन दो थानों में चिपका नोटिस- यहां दलालों का आना मना है

इस तरह का नोटिस थाना में चिपकाये जाने को लेकर कोर्रा थाना प्रभारी का कहना है कि जमीन के मामले का समाधान अंचल कार्यालय में है

हजारीबाग: लोहिसंघना और कोर्रा थानों में चिपकाये गये नोटिस चर्चा में हैं। इस नोटिस में लिखा है, “सावधान, थाना में दलालों का आना मना है, जमीन संबंधित मामलों के लिए अंचल कार्यालय में संपर्क करें।”

इस तरह का नोटिस थाना में चिपकाये जाने को लेकर कोर्रा थाना प्रभारी का कहना है कि जमीन के मामले का समाधान अंचल कार्यालय में है। पुलिस का काम सिर्फ लॉ एंड ऑर्डर बनाये रखना है। इसी लिए पुलिस ने थाने में यह नोटिस चिपकाया है।

झारखंड के इन दो थानों में चिपका नोटिस- यहां दलालों का आना मना है

वहीं, लोहसिंघना थाना प्रभारी का कहना है कि उन्होंने पीड़ित पक्ष को दलालों के साथ आने से मना करने के लिए यह नोटिस चिपकाया है। उनका कहना है कि थाना में पैरवी करने की कोई जरूरत नहीं है। काम सही है, तो वह होगा।

इस मामले को लेकर सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने बताया कि जमीन विवाद में अगर क्रिमिनल ऑफेंस होता है, लड़ाई-झगड़ा की स्थिति पैदा होती है, तो पुलिस को लॉ एंड ऑर्डर बनाये रखने का अधिकार है।

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दूसरी तरफ, जमीन की मापी हो या दखल दिलाना हो, तो यह काम अंचल और एसडीओ कार्यालय का है। अक्सर देखा जाता है कि लोग इस तरह के कामों के लिए भी थाना चले आते हैं। इसकी वजह से लॉ एंड ऑर्डर बनाये रखने में परेशानी होती है।

वहीं, अधिवक्ता अजय मिश्र कहते हैं कि थाना में फौजदारी और अन्य आपराधिक मामलों पर प्राथमिकी होती है। कई बार लोग अवांछित लाभ के लिए थानों में केस करके जमीन का मामला लटका देते हैं। वैसे किसी को थाना में आने से रोका नहीं जा सकता है।

अधिवक्ता अजय मिश्र ने कहा कि पुलिस को यह भी ध्यान रखना होगा कि इसका कोई बेजा लाभ नहीं उठाये। पुलिस अधिनियम के अनुसार थाना प्रभारी के कार्य कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति बनाये रखना है, अपराधों की विवेचना करनी है।

विधि द्वारा समय-समय पर स्थापित अधिनियम, आईपीसी, सीआरपीसी में दी गयी शक्तियों का प्रयोग करना है। उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिये गये प्रकरण में जांच और रिपोर्ट पेश करना है, सूचना अधिकारियों को देनी है।

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