Operation Sindoor: भारत ने 7 मई की रात 1:05 से 1:30 बजे तक Indian Armed Forces ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मात्र 25 मिनट में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे।
भारत ने बिना सीमा पार किए HAMMER, SCALP मिसाइलों, और कामिकेज ड्रोन से जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT), और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को तबाह किया।
सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य था बहावलपुर में जैश का मरकज सुबहान-अल्लाह, जो 2019 के पुलवामा हमले सहित कई आतंकी साजिशों का केंद्र रहा है।
मरकज सुभान अल्लाह जैश का प्रमुख आतंकी गढ़
मरकज सुभान अल्लाह, जैश-ए-मोहम्मद का सबसे महत्वपूर्ण परिचालन और प्रशिक्षण केंद्र, पंजाब प्रांत के बहावलपुर में NH-5 (कराची-तोर्कहम राजमार्ग) पर कराची मोड़ के पास 15 एकड़ में फैला हुआ था।
यह केंद्र 2015 में यूके और अफ्रीकी देशों से जुटाए गए धन से बनाया गया और 2019 के पुलवामा हमले (40 CRPF जवान शहीद) सहित कई आतंकी हमलों की योजना और प्रशिक्षण का गढ़ रहा।
सैटेलाइट इमेजरी से पुष्टि हुई कि ऑपरेशन सिंदूर में इसके प्रशिक्षण शिविर, जिम्नेजियम, स्विमिंग पूल, हथियार डिपो, और मस्जिद पूरी तरह नष्ट हो गए।
केंद्र में 600 से अधिक आतंकी प्रशिक्षण ले रहे थे, जिन्हें राइफल, रॉकेट लॉन्चर, और विस्फोटकों का प्रशिक्षण दिया जाता था।
जैश के शीर्ष नेताओं का अड्डा
मरकज सुभान अल्लाह में जैश प्रमुख मसूद अजहर कभी-कभार रहता था, हालांकि हमले के समय उसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस्लामाबाद (रावलपिंडी) में सुरक्षात्मक हिरासत में रखा था।
केंद्र का संचालन जैश के वास्तविक प्रमुख मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर और सशस्त्र विंग के प्रमुख यूसुफ अजहर (उस्ताद घोरी, मसूद का साला) करते थे।
2022 से मौलाना रफीक उल्लाह कट्टरपंथी धार्मिक प्रशिक्षण के लिए मुख्य प्रशिक्षक थे। मार्च 2018 से जिम्नेजियम और जुलाई 2018 से स्विमिंग पूल व गोताखोरी पाठ्यक्रम चलाए जा रहे थे, जो आतंकियों को शारीरिक और सामरिक प्रशिक्षण देता था।