भारत

भारत-चीन सैन्य झड़प पर चर्चा की मांग नामंजूर होने पर विपक्ष ने दोनों सदनों से किया बहिर्मगन

नई दिल्ली: विपक्षी पार्टियों (Opposition Parties) ने बुधवार को भारत-चीन की सेना (Indo-China Army) के बीच अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग (Tawang) सेक्टर में हुई झड़प के मामले में चर्चा की मांग ठुकराए जाने पर विपक्ष ने दोनों सदनों से बहिर्गमन किया।

लोकसभा (Lok Sabha) में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के और राज्यसभा (Rajya Sabha) में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष ने बहिर्गमन किया।

विपक्ष झड़प पर स्पष्टीकरण और चर्चा चाहता है

संसद की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व ही विपक्ष की 17 पार्टियों ने इस मुद्दे पर रणनीतिक विचार-विमर्श कर लिया था। विपक्ष झड़प को लेकर स्पष्टीकरण और चर्चा चाहता है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि विपक्षी चीन की आक्रामकता और उसके भारतीय क्षेत्र में कब्जे से जुड़ी संपूर्ण जानकारी पर चर्चा चाहता है।

उनकी पार्टी सहित विपक्ष सेना के साथ पूर्ण समर्थन से खड़े हैं। इस पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि उनके पास मुद्दे पर चर्चा को लेकर कोई नोटिस (Notice) नहीं है।

प्रधानमंत्री नेहरू ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने Zero Hour में इस मुद्दे को उठाया और चर्चा की मांग की। चौधरी ने कहा कि 1962 में युद्ध के समय भी संसद में चर्चा हुई थी।

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने 165 सांसदों को इसमें बोलने का मौका दिया था। हम इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चर्चा की अनुमति नहीं देते हुए कहा कि इस विषय पर कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक में फैसला होगा।

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