रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन का उद्धाटन किया।
इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, राज्यपाल CP राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद थे। इस दौरान राष्ट्रपति और CJI के बीच एक दिलचस्प बातचीत देखने को मिली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की सराहना
दरअसल, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंदी में भाषण दिया। उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि आप मुझे रांची लौट आने का अवसर देंगे।
नमस्ते जोहार।” इस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि न्याय तक पहुंच का एक और पहलू भाषा है। उन्होंने हिंदी में बोलने के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि उनका मानना है कि उन्हें देखकर बाकी जज भी इस उदाहरण का पालन करेंगे।
‘देश के कई अदालतों में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं’
राष्ट्रपति मुर्मू ने CJI की तारीफ करते हुए कहा, “मैं भाषा की बात करती हूं, लेकिन English में ये बोल रही हूं। मैं CJI को धन्यवाद देना चाहती हूं क्योंकि उन्होंने आज हिंदी में स्पीच दी।”
इसके साथ ही CJI ने ऐसे तमाम मुद्दे पर बात की जिनकी न्याय प्रणाली (Justice System) को जरूरत है। उन्होंने कहा, “सुनवाई समय पर होनी चाहिए, फैसला तुरंत सुनाया जाना चाहिए।
अदालतों में स्वच्छता और साफ-सफाई की सुविधा होनी चाहिए। आज कितनी अदालतें हैं, जहां महिलाओं के लिए कोई शौचालय नहीं है।”
हिंदी में फैसले का अनुवाद जरूरी
CJI ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट अपना काम English में करते हैं। हम 6.4 लाख गांवों में रहने वाले लोगों तक पहुंच सकते हैं। अगर हम अपने इंग्लिश में दिए गए फैसले को उनकी आधिकारिक भाषाओं में ट्रांसलेट करके दें।
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने एआई (Artificial Intelligence) के इस्तेमाल के साथ फैसलों के अनुवाद की इस कवायद को शुरू कर दिया है। आज, हमने 6,000 से ज्यादा फैसलों को हिंदी में ट्रांसलेट किया है।”