भारत

प्रियंका गांधी किसान पंचायत के जरिए कांग्रेस को कर रही मजबूत

लखनऊ: नए कृषि कानूनों को वापसी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के जरिए सियासी दल अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटे है।

इसी क्रम में सहारनपुर के बाद आज (सोमवार) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बिजनौर में किसान पंचायत कर कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश् करेंगी।

प्रियंका गांधी ने फेसबुक के माध्यम से लिखा कि, 75 साल से इस देश का पेट भरने वाले अन्नदाता किसानों से संवाद ही देश को प्रगति की ओर ले जाएगा। खेतों से जुड़ी नीतियां खेत के रखवाले बनाएंगे।

आज बिजनौर में किसाना पंचायत में किसान बहनों और भाईयों के बीच उपास्थित रहूंगी।

बिजनौर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज पठान ने बताया कि राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को चांदपुर पहुंचेंगी।

वह रामलीला मैदान में किसान पंचायत को संबोधित करेंगी।

प्रियंका गांधी व कांग्रेस के बाकी नेता किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं।

पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व किसानों को महापंचायत में शामिल होने के लिए संपर्क किया जा रहा है।

इससे पहले, 10 फरवरी को प्रियंका गांधी ने सहारनपुर के चिलकाना में किसान महापंचायत को संबोधित किया था।

 प्रियंका गांधी ने मां शाकंभरी देवी मंदिर में दर्शन भी किए थे।

इसके अलावा रायपुर स्थित खानकाह में हजरत रायपुरी की दरगाह में जियारत की थी।

ज्ञात हो कि किसान आंदोलन के बाद रालोद की ओर से हो रही महापंचायतों में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए राजनीतिक दल इस आंदोलन के माध्यम से अपनी जमीन को मजबूत करने की तैयारी में है।

मथुरा, बड़ौत के बाद शामली की पंचायतों में उमड़ रही भीड़ अन्य सियासी दलों को बेचैन कर रही है।

बेशक बसपा और सपा खामोश हैं, लेकिन कांग्रेस इस सियासी फसल को काटने के लिए बेकरार है।

कांग्रेस जहां पर रालोद का प्रभाव जीरो है वहां पर किसानों को अपने पाले में करना चाहती है।

वहीं पुराने कांग्रेसी किलों में रालोद की सेंधमारी को रोकने की भी रणनीति बनाई गई है, इसलिए पुराने कांग्रेसी गढ़ सहारनपुर से इसकी शुरूआत की गयी।

आगे विधानसभा चुनाव है, इसलिए सहारनपुर से होकर आसपास के अपने प्रभाव वाले पश्चिमी जिलों में कांग्रेस धरातल में उतरकर किसान आंदोलन के माध्यम से अपने वोट बैंक को तैयार करने की फिराक में है।

कैंसर पर शोध की जरूरत जताते हुए हसीना ने कहा, इस क्षेत्र में हमें तत्काल शोध करने की आवश्यकता है।

इस क्षेत्र में रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों को बांग्लादेश की जलवायु और पर्यावरण को ध्यान में रखकर भी इस बीमारी पर शोध करना चाहिए।

हमारा मकसद है कि हम रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए देश के हर डिवीजन में एक मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थापित करें।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker