झारखंड

गुरु नानक स्कूल ऑडिटोरियम में सामूहिक विवाह का आयोजन, एक दूजे के हुए 35 जोड़े

रामगढ़: रामगढ़ शहर का गुरु नानक स्कूल ऑडिटोरियम रविवार को एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना। यहां 35 जोड़ियां विवाह के पवित्र बंधन में बंधी।

बैंड बाजे के साथ 35 दूल्हों की बारात पूरे शहर ने देखी। एक साथ 35 डोलियां जब निकलीं तो आम लोगों की आंखों में आंसू छलक आए।

भारत विकास परिषद के तत्वावधान में रविवार को आयोजित सामूहिक विवाह समारोह देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

संस्था ने ना सिर्फ 70 दिलों को मिलाया है, बल्कि उसने समाज में एक बड़ी लकीर खींचने का प्रयास भी किया है। 35 जोड़ियों की शादी में आने वाला सारा खर्च संस्था के लोगों ने ही उठाया है।

यहां तक कि बेटियों को विदाई में मिलने वाला उपहार भी इन्हीं लोगों के प्रयास से मिला है। इस समारोह में झारखंड की राजधानी रांची रामगढ़ गुमला लातेहार आदि जिलों के लोगों ने हिस्सा लिया।

रांची निवासी अमृता की शादी राजू लकड़ा के साथ हुई। उसने बताया कि जिस भव्यता के साथ उसकी शादी हुई है उसने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था।

आज यहां पर हजारों लोग शादी समारोह में शामिल हुए हैं। गाजे-बाजे के साथ उसके दूल्हे की बारात निकली है। उसके परिजन भी मस्ती में झूम रहे हैं।

यह सब तभी संभव हो पाया है जब संस्था के लोगों ने उनकी ओर हाथ बढ़ाया है। खुशी के इस पल को वह अपने पल्लू में बांधकर ससुराल जाने के लिए तैयार है।

गुमला निवासी अणिमा केरकेट्टा की आंखें बात करते वक्त ही नम हो गई। उसने कहा कि आज वह इतनी खुश है जितनी अपनी पूरी जिंदगी में नहीं हुई थी।

उसके माता-पिता का सपना था कि वह अपनी बेटी की विदाई धूमधाम से करें। लेकिन पैसे के अभाव में उनके सपने पूरे नहीं हो पा रहे थे। आज ऊपर वाले ने उनकी झोली में खुशियां भर दी हैं।

सामूहिक विवाह समारोह का शुभारंभ गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन, प्रांत प्रमुख अशोक अग्रवाल, क्षेत्रीय संघ प्रचारक केशव राजू, रमण सिंह ने संयुक्त रुप से भारत माता व स्वामी विवेकानंद के चित्र पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर किया।

समारोह में शामिल होने के लिए भारत विकास परिषद के अध्यक्ष गोविंद मेवाड़ ने अतिथियों व अन्य लोगों के प्रति आभार जताया।

गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि गरीब परिवार के बेटियों के विवाह में सहयोग व दहेज जैसे कुप्रथा को मिटाने के लिए भारत विकास परिषद की सराहनीय प्रयास है।

उन्होंने इस तरह के आयोजन में समाजसेवियों से बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया। वहीं वर-वधुओं के उज्जवल भविष्य की कामना भी की। साथ ही वर-वधुओं को रोजगार से जोड़ने का भी आश्वासन दिया।

अतिथियों के संबोधन के बाद राज्य के विभिन्न स्थानों से आये 35 जोड़े वर-वधुओं को तेरह मंडप में 14 ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ परिणय सूत्र में बांधे।

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