क्राइमझारखंड

रांची में जब आखिरी दम तक अपराधियों से लड़ते रहे सब-इंस्पेक्टर, तमाशा देखती रही भीड़, किसी ने नहीं की मदद

रांची: Ranchi Crime News राजधानी के चुटिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मकचूंद टोली के पास गुरुवार शाम स्कूटी सवार दो बदमाशों ने एक सब इंस्पेक्टर को गोली मार दी।

अपराधियों से भिड़ने के दौरान दरोगा ने साहस का परिचय देते हुए अपराधियों का डटकर सामना किया और उनका पिस्टल का एक मैगजीन छीना और उनके पास से एक मोबाइल भी ले लिया।

पुलिस के अनुसार चुटिया इलाके में हाल के दिनों में लगातार लूट और झपटमारी की घटनाएं हो रही थी। इस बीच पुलिस को इनपुट मिला कि लूट और झपटमारी करने वाले अपराधी मुकचुंद टोली इलाके से ऑक्सफोर्ड स्कूल से होकर स्कूटी से गुजर रहे हैं।

इसकी सूचना मिलने के बाद चुटिया थाना के पांच अलग अलग पुलिसकर्मी निकले। एक छोर पर दरोगा सुभाष लकड़ा अपनी बाइक से अकेले ही पकड़ने गए थे। इस दौरान दरोगा ने मुकचूंद टोली चौक पर अपराधियों को दबोच लिया। अपराधियों ने इसका विरोध कर दिया।

दोनों के बीच मारपीट शुरू हो गई। इसी क्रम में दरोगा ने दोनो अपराधियों को अकेले ही सड़क पर पटक दिया। पीटना शुरू कर दिया। इस बीच दरोगा ने अपराधी के पिस्टल से मैगजीन निकल ली।

इसी दौरान एक अपराधी दरोगा के चंगुल से खुद को छुड़ाकर भागा। कुछ दूर भागने के बाद वह फिर लौटा और पिस्टल निकालकर दरोगा के जांघ में गोली मार दी। जिससे दरोगा के हाथ से दूसरा अपराधी भी छूट गया।

दोनो अपराधी ब्लू रंग की स्कूटी से कांटाटोली की ओर फरार हो गया। भागते समय एक अपराधी का सड़क पर मोबाइल भी गिर गया।

घटना की जानकारी मिलने के बाद अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। घायल दरोगा को गुरुनानक अस्पताल ले गए, जहां से बेहतर इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया।

साक्ष्य के तौर पर मोबाइल पुलिस के हाथ लग गई है, उसके आधार पर अब अपराधियों का पता लगाने में मोबाइल मददगार होगा।

CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस

अपराधियों के आने और जाने वाले रोड के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रही है ताकि उनकी गतिविधि से अपराधियों की पहचान की जा सके। पुलिस अपराधियों के पास से मिली मोबाइल से भी उनका पता लगा रही है।

पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं, इसके आधार पर छापेमारी भी की जा रही है। हालांकि अपराधी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

जिस समय दरोगा अपराधियों का सामना कर रहे थे, इस दौरान उनकी मदद में कोई भी सामने नहीं आया।

बल्कि स्थानीय लोग और राहगीर तमाशा देखते रहे। जब एक पुलिसवाला अपराधियों का सामना कर रहा था तब सभी चुपचाप देखते रहे।

अपराधियों से भिड़ने के दौरान एक-दो भी स्थानीय लोग दरोगा की मदद करते तो अपराधी पकड़ लिए जाते और दरोगा को गोली भी नहीं लगती।

पुलिस बदमाशों की धरपकड़ के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है। लेकिन, अभी तक आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

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