झारखंड

फॉरेस्ट ऑफिसर और वन विभाग से जुड़े पदाधिकारी ग्रामीण जनता का फोन तक नहीं उठाते: संजय सेठ

हाथियों के उत्पात मामले में वन विभाग का रवैया बेहद उदासीन

रांची: सोनाहातू और चांडिल में हाथियों के उत्पात एवं इस मामले में वन विभाग तथा प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता पर रांची के सांसद संजय सेठ ने गहरी नाराजगी जताई है।

सेठ ने गुरुवार को कहा कि रांची लोकसभा क्षेत्र में पूरे साल भर हाथियों का उत्पात चलता रहता है। बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान होता है। कभी स्कूल भवन तोड़ दिए जाते हैं। कभी अस्पताल टूटता है।

कभी किसानों की फसलों का नुकसान होता है। कभी किसानों के घर टूटते हैं। इस पूरे प्रकरण में वन विभाग के अधिकारी और प्रशासन दोनों का रवैया बेहद ही दुखद है।

स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि फॉरेस्ट ऑफिसर और वन विभाग से जुड़े पदाधिकारी ग्रामीण जनता का फोन तक नहीं उठाते हैं।

खुद मैंने कई बार इस संदर्भ में वन विभाग के अधिकारियों से बात की और हाथियों को भगाने के मामले में ग्रामीणों को सहयोग करने एवं इस पर त्वरित एक्शन लेने की बात कही लेकिन यह दुखद है कि वन विभाग के अधिकारियों ने इतने गंभीर मामले पर कभी संज्ञान नहीं लिया।

सेठ ने कहा कि सबसे दुखद बात यह है कि हाथियों का जब उत्पात चलता है तो ग्रामीण डरे सहमे घरों में दुबके रहते हैं। इतना सबकुछ होने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों का संज्ञान नहीं लेना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि अभी अक्टूबर का महीना बीतने को है। किसानों के धान की फसल खेतों में खड़ी है, वह फसल तैयार हो चुकी है।

किसान फसल काटने को तैयार है लेकिन उनके मन में डर है कि हाथियों का हमला हुआ तो फिर क्या होगा। दूसरी तरफ इन तैयार फसलों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस तरह से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को भी दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है।

सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि इस मामले में विलंब हस्तक्षेप करें और वन विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी करें ताकि हाथियों को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर किया जा सके। ग्रामीण शांति पूर्वक अपना जीवन यापन कर सके तैयार फसलों को हाथी नुकसान नहीं पहुंचा सके।

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