झारखंड

रांची जेल से 21 कैदी रिहा, लेकिन 32 बुजुर्ग कैदियों को नहीं लेने आए परिजन, नहीं किया किया जा सका रिहा

कैदियों ने जेल से निकलने के बाद आचरण अच्छा रख कर समाज में एक मिसाल कायम करने की कसम खायी

रांची: राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में राज्य भर के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 90 कैदियों को छोड़ने की अनुशंसा की गयी है।

उनमें से 53 कैदी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार रांची के हैं। बुधवार को उनमें से 21 कैदियों को रिहा किया, जबकि 32 कैदियों के अधिक उम्र होने और उनके परिजन उन्हें लेने नहीं आये थे, जिसके कारण उन्हें रिहा नहीं किया जा सका।

जेल आइजी मनोज कुमार ने कैदियों को सर्टिफिकेट दिया। इस दौरान जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने उन्हेंं शुभकामना दी।

रिहा किये जाने के पूर्व आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक सह डालसा के पैनल लॉयर पीएन सिंह तथा बंदी कल्याण पदाधिकारी कमल जीत सिंह ने उनका काउंसिलिंग किया।

रांची जेल से 21 कैदी रिहा, लेकिन 32 बुजुर्ग कैदियों को नहीं लेने आए परिजन, नहीं किया किया जा सका रिहा

कैदियों ने जेल से निकलने के बाद आचरण अच्छा रख कर समाज में एक मिसाल कायम करने की कसम खायी।

रिहा होने वाले 21 कैदियों में सरायकेला खारसांवा निवासी रघुनाथ सिंह सरदार,विशेश्वर दत्त, सिमडेगा के जलडेगा निवासी इंदर गौड़, ठेठई टांगर निवासी भखलू उरांव उर्फ हाबिल लकड़ा, पश्चिम सिंहभूम का गणेश गोडसोरा, मंटू दास, पटमदा निवासी सोर्वधन हांसदा, गुमला निवासी हीरा साव, घाघरा निवासी किनुआ उरांव, बसिया निवासी सोमा उरांव, बंदा उर्फ बंदो उरांव, गांधी उरांव, डुमरी निवासी बेंजामिन तिर्की, रांची के लापुंग निवासी झुकी पाहन, सिल्ली निवासी रामधन महतो उर्फ बूतरू महतो, चान्हाे निवासी फगुआ उरांव, बेड़ो निवासी गांगलू हांसदा, हादी उरांव, बिहार के सिवान निवासी अभिषेक कुमार उर्फ बॉल, लोहरदगा के कुड़ निवासी विनोद लोहरा, पलामू के डालटेनगंज निवासी शिवपूजन प्रसाद शामिल हैं।

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